नवंबर की सर्दी में जब लोग ये सोच रहे होते हैं कि उन्हें किसी तरह से रजाई के अंदर एक कप गर्म चाय मिल जाए, उस वक्त अमेरिका में एक शख्स फ्लाइट 305 को हाईजैक करने की योजना बना रहा था. ये योजना सिर्फ हाईजैक की नहीं थी... बल्कि इस बात की भी थी कि उड़ते प्लेन से कैसे गायब हो जाया जाए कि अमेरिका की सबसे बड़ी जांच एजेंसी FBI भी अपना सिर पीटने के अलावा कुछ ना कर पाए. चलिए इस अनोखे प्लेन हाईजैक की कहानी आपको विस्तार से बताते हैं.


एयरपोर्ट से शुरू हुई कहानी


तारीख 24 नवंबर 1971. जगह अमेरिका का ओरेगन राज्य. दोपहर के वक्त यहां पोर्टलैंड में नॉर्थवेस्ट ओरिएंट एयरलाइंस के काउंटर पर एक आदमी बिजनेस सूट, सफेद शर्ट और काली टाई पहने पहुंचता है. इस शख्स की उम्र करीब 40 से 50 साल के बीच रही होगी. देखने में शांत और बिल्कुल सभ्य. काउंटर बैठे व्यक्ति से इस शख्स ने  सिएटल, वाशिंगटन के लिए फ्लाइट 305 का एक तरफ का टिकट मांगा. टिकट खरीदते वक्त शख्स ने अपना नाम डैन कूपर बताया. इसी डैन कूपर को आज पूरी दुनिया हाईजैकर डीबी कूपर के नाम से जानती है.


'ब्रीफकेस में बम है'


टिकट लेने के बाद डीबी कूपर फ्लाइट 305 में बैठ गया और फ्लाइट के टेक ऑफ का इंतजार करने लगा. इस दौरान कूपर ने एक ड्रिंक ऑर्डर की. उसने एयर होस्टेस से कहा कि उसे एक बर्बन व्हिस्की सोडा के साथ चाहिए. अपनी ड्रिंक पीने के बाद दोपहर के करीब 3 बजे जब प्लेन आसमान में उड़ रहा था तो उसने एयर होस्टेस को एक पर्ची पकड़ाई. इस पर्ची में लिखा था कि मेरे ब्रीफकेस में बम है और मैं चाहता हूं कि तुम मेरे पास बैठो.


एयर होस्टेस ये पढ़ कर घबरा गई थी और उसने वही किया जो उस पर्ची में लिखा था. एयर होस्टेस को अपने पास बिठा कर डीबी कूपर ने अपना ब्रीफकेस खोला...एयर होस्टेस को उस ब्रीफकेस में ढेर सारी तारें दिखाई दीं और एक लाल रंग की स्टिक. ये सब देख कर एयर होस्टेस के होश उड़ गए. फिर कूपर ने एयर होस्टेस से कहा कि वो जो कह रहा है उसे एक नोट में लिखो और कैप्टन के पास ले जाओ.


नोट में क्या लिखा था


एयर होस्टेस नोट लिखने के बाद उसे फ्लाइट कैप्टन के पास लेकर गई. इस नोट में कुछ चीजों की मांग की गई थी. इसमें चार पैराशूट और 2 लाख डॉलर की डिमांड की गई थी. हालांकि, इस डिमांड में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये थी कि डीबी कूपर ने 2 लाख डॉलर के सभी नोट 20-20 डॉलर के नोटों में मांगा था.


हवा में गायब हो गया कूपर


फ्लाइट कैप्टन ने एयर होस्टेस की हालत और नोट में लिखे डिमांड्स को देख कर ये समझ लिया कि मामला कितना गंभीर है. फ्लाइट कैप्टन ने ये सारी बातें अपने अधिकारियों को बताईं और फिर तय हुआ की कूपर की मांग को मान लिया जाएगा. इसके बाद कैप्टन ने फ्लाइट को सिएटल में लैंड कराया और कूपर को 36 यात्रियों की रिहाई के बदले पैसों से भरा बैग और पैराशूट दिए गए. हालांकि, प्लेन में अब भी चालक दल के लोग बंदी थे.


प्लेन सिएटल से फिर उड़ा और आसमान में गायब हो गया. कुछ देर बाद कूपर ने पायलट से कहा कि वह प्लेन को मैक्सिको सिटी की ओर ले चले. प्लेन मैक्सिको सिटी की ओर मुड़ गया. उस वक्त रात के करीब 8 बज रहे थे. प्लेन अभी भी मैक्सिको नहीं पहुंचा था, बल्कि वो सिएटल और रेनो के बीच उड़ रहा था. तभी कूपर ने प्लेन के पिछले हिस्से का दरवाजा खोलने को कहा और पैसों से भरा बैग और पैराशूट लेकर कूद गया.


कूपर के कूदन के बाद पायलट ने प्लेन की सेफ लैंडिंग कराई. इसके बाद एफबीआई ने उस पूरे इलाके में पड़ताल की और इस हाईजैक की भी जांच हुई. लेकिन एफबीआई के हाथों कुछ नहीं लगा. आज इस मामले को 53 साल से ज्यादा का समय बीत गया लेकिन डैन कूपर के बारे में किसी को कुछ पता नहीं लगा.


नोटों से भरा बैग मिला


इस पूरे मामले में एफबीआई ने लगभग 800 लोगों से पूछताछ की. लेकिन अंत तक उनके हाथों कुछ नहीं लगा. हालांकि, एफबीआई बार-बार ये जरूर कहती रही कि उस रात कूपर जहां कूदा था वहां जिंदा बचने के चांस नहीं हैं. एफबीआई इसके पीछे तर्क दे रही थी कि, कूपर जो पैराशूट लेकर कूदा था वो खुला ही नहीं. पहले तो लोगों ने इसे एफबीआई की नाकामी बताई.


हालांकि, 1980 में एक लड़के को उसी इलाके के पास जहां कूपर कूदा था, एक बैग मिला. इस बैग में ढेर सारे सड़े हुए 20-20 डॉलर के नोट थे. ये नोट उसी सीरियल के थे जो कूपर को दिए गए थे. इस घटना ने एफबीआई की बात में वजन तो डाला, लेकिन ये आज तक आधिकारिक रूप से तय नहीं हो पाया कि आखिर डीबी कूपर गया कहां.


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