Death Test: मौत जीवन का वो सत्य है जिसे झुठलाया नहीं जा सकता है. लोग इस बात का जवाब भी जानना चाहते हैं कि क्या किसी भी इंसान की मौत की भविष्यवाणी की जा सकती है? दुनियाभर के कई वैज्ञानिक भी इस सवाल का जवाब ढूंढने में लगे हुए हैं. कई रिसर्च में सामने आया है कि अगर किसी इंसान को उसकी मौत के बारे में पहले से पता चल जाता है तो वह ऐसा काम करने लगता है जिससे वह दुनिया को बदल सके. वैज्ञानिकों का दावा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से किसी भी इंसान की मौत की भविष्यवाणी की जा सकती है. इस टेस्ट को डेथ टेस्ट (Death Test) का नाम दिया जा रहा है. आइए जानते हैं इसके बारे में...
क्या है डेथ टेस्ट?
डेथ टेस्ट को आम भाषा में एक तरह का ब्लड टेस्ट कहा जा सकता है. इस टेस्ट में किसी भी इंसान के ब्लड से उसके बायोमार्कर की जांच की जाती है. जिससे यह तय किया जाएगा कि मरीज की मौत अगले दो से पांच साल के अंदर हो सकती है. यह एक तरह का प्रिडिक्शन टेस्ट होगा. हालांकि, इसकी सटीकता पर अभी भी शोध जारी है. इस टेस्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सबसे बड़ा रोल होगा.
कौन कर रहा है इस डेथ टेस्ट पर रिसर्च?
यूके की नॉटिंघम यूनिवर्सिटी ने इस टेस्ट को किया है. इस रिसर्च के बारे में सारी जानकारी PloS One साइंस जर्नल में प्रकाशित है. इस रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों को कुछ खास तरह के पैटर्न देखने को मिले. जिनके आधार पर मौत के बारे में भविष्यवाणी की जा सकती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इन खास तरह के पैटर्न्स से मौत का पता लगाने में मदद मिलेगी. इस शोध में 40 से 69 साल की उम्र के एक हजार लोगों को शामिल किया गया, जो डायबिटीज या ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं के चलते अस्पताल आए थे.
पहले भी हुई है भविष्यवाणी
ऐसा नहीं है कि मौत पर भविष्यवाणी की यह कोई पहली स्टडी नहीं है. इससे पहले भी पेंसिल्वेनिया के हेल्थकेयर सिस्टम Geisinger ने इस बारे में शोध किया था. इस स्टडी में इकोकार्डियोग्राम वीडियो को देखकर AI की मदद से मौत की पता लगाया गया. इससे एक साल पहले ही मौत का पता लगाया जा सकता है. हालांकि, यह स्टडी प्रीमैच्योर डेथ के इशारे समझने के लिए की गई है. लेकिन इससे स्वाभाविक मौत का पता नहीं लगाया जा सकता है.
आंखें भी देती हैं मौत की जानकारी
एक रिसर्च में यह भी सामने आया है कि आंखों से भी किसी इंसान की मौत का पता लगाया जा सकता है. अगर कोई इंसान दिल की बीमारी से जूझ रहा है तो स्टडी में AI उसके रेटिना को स्कैन करता है और मौत का अनुमानित समय बता देता है.
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