दुनिया में खूबसूरती की जब भी बात होती है तो सबसे पहले लोग शरीर का रंग देखते हैं. यानी अगर कोई गोरा है तो उसे समाज में सुंदर मान लिया जाता है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि हर गोरा व्यक्ति सुंदर ही होता है. दरअसल, किसी भी इंसान के सुंदर होने के कई मानक होते हैं. चलिए आज आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.


गोरा रंग सुंदरता का मानक नहीं


दुनियाभर में अगर आप सुंदरता का मानक देखेंगे तो आपको मिलेगा कि हर जगह गोरा इंसान ही सुंदर नहीं होता. जिन देशों में लोगों का रंग काला है, वहां भी सुंदर लोग होते हैं. यहां तक कि जब हम मिस वर्ल्ड की बात करते हैं तो वहां भी  Jennifer Hosten, Lisa Hanna और Agbani Darego जैसी महिलाएं मिलती हैं जो ब्लैक हैं और जिनके पास मिस वर्ल्ड का ताज है. यानी इन्हें आधिकारिक तौर पर विश्व की सबसे सुंदर महिला कहा गया है. तो इससे ये तो साफ है कि सुंदरता में रंग का कोई रोल नहीं है.


शरीर की लंबाई भी सुंदरता का मानक नहीं


ऐसा भी नहीं है कि कोई इंसान, चाहे वह लड़का हो या लड़की बहुत लंबा है तो उसे सुंदर ही माना जाएगा. एक औसत लंबाई से ज्यादा लंबा होना, समाज में सुंदरता का प्रतीक नहीं माना जाता. जैसे Carole Joan Crawford. ये दुनिया का सबसे छोटी मिस वर्ल्ड हैं. इनकी लंबाई मात्र 5 फीट 3 इंच है. इसके बाद भी इन्हें दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला माना गया. यानी ये तो साफ है कि लंबाई के ज्यादा होने को भी सुंदरता का प्रतीक नहीं माना जाता.


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फिर सुंदरता का मानक क्या है


अगर शरीर के पार्ट की बात करें तो किसी इंसान, चाहे वह लड़का हो या लड़की के चेहरे की सुंदरता इस बात पर निर्भर करती है कि उसकी आंखों, होठों और नाक की बनावट कैसी है. इन तीनों चीजों की बनावट अगर अच्छी है तो आपका रंग कैसा भी हो आपका चेहरा सुंदर दिखेगा. हालांकि, इसे भी असली सुंदरता का मानक नहीं माना जाता. सुंदरता के असली मानक के बारे में जब हमने एआई से जवाब मांगा तो हमें ये जवाब मिला.


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चैटजीपीटी ने इंसानों में सुंदरता की परिभाषा देते हुए लिखा कि सामान्य रूप से, सुंदरता का अर्थ वह गुण होता है जो व्यक्ति के चेहरे, शारीरिक रूप और व्यवहार में संतुलितता, सौंदर्य और समर्पण का प्रतीक हो. यह न केवल बाहरी रूप से होती है, बल्कि आत्मिक सुंदरता, सौम्यता, समझ और प्रेम के संगम में भी पाई जाती है.


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