क्या होते हैं फॉर्म-6 और फॉर्म-17, जानें ये दिल्ली विधानसभा में कितने जरूरी
दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में चुनाव होंगे. यहां 5 फरवरी को वोटिंग होगी और मतों की गिनती 8 फरवरी को होगी, यानी नतीजे भी इसी दिन जारी होंगे.
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. चुनाव आयोग के मुताबिक, दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में चुनाव होंगे. यहां 5 फरवरी को वोटिंग होगी और मतों की गिनती 8 फरवरी को होगी, यानी नतीजे भी इसी दिन जारी होंगे. दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आम आदमी पार्टी के साथ ही विपक्षी दलों भी तैयारी में जुट गए हैं. सभी पार्टियां फॉर्म 17 सी और फॉर्म 6 को लेकर काफी चिंतित हैं. आइए जानते हैं चुनाव आयोग के फॉर्म 6 और फॉर्म 17 सी क्या हैं और ये चुनाव के दौरान क्यों जरूरी होते हैं...
फॉर्म 17 सी क्या है?
आसान भाषा में कहें तो किसी भी चुनाव के लिए फॉर्म 17 सी बहुत जरूरी होता है, विशेष तौर पर विपक्षी दलों के लिए. एक तरीके से वह फॉर्म होता है, जिसमें एक मतदान केंद्र पर कितने वोट डाले गए और उससे संबंधित पूरा डेटा होता है. फॉर्म 17 सी चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध होता है. इसमें मतदान केंद्र पर ईवीएम का सीरियल नंबर, मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या, 17-ए के तहत मतदाताओं के रजिस्टर में वोटर्स की संख्या, उन मतदाताओं की संख्या जिन्हें वोट नहीं देने दिया गया, वाटिंग मशीन में दर्ज वोटों की संख्या, बैलेट पेपर्स की संख्या, पोलिंग एजेंट्स के हस्ताक्षर, व चुनाव अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं. इसके अलावा फॉर्म 17 सी का अगला हिस्सा भी होता हैं, जिसमें एक उम्मीदवार को कितने वोट मिले इसकी जानकारी भी भरी जाती है. चुनाव अधिकारी को ये जानकारी मतदान खत्म होने के बाद पोलिंग एजेंट्स को मुहैया करानी होती है.
क्या होता है फॉर्म 6?
चुनाव आयोग की ओर से फॉर्म 6 उन मतदाताओं के लिए जारी किया जाता है, जो पहली बाद मतदाता बनते हैं. वहीं, एक निर्वाचन क्षेत्र से दूसरे निर्चाचन क्षेत्र में जाने वाले मतदाता भी वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने के लिए फॉर्म 6 के तहत आवेदन कर सकते हैं. इस फॉर्म को इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है. इसमें अपनी सभी जरूरी जानकारी के साथ ही फोटो भी लगानी होती है. जानकारी में अपना नाम, हाउस नंबर, गांव, पोस्ट ऑफिस समेत कई जानकारियां देनी होती हैं.