NIA NSG FSL Works: आज यानी 20 अक्टूबर को पूरे भारत में करवा चौथ का त्यौहार मनाया जा रहा है. दिवाली की आमद से पहले करवा चौथ का बेहद महत्व होता है. चारों ओर बाजार सजते हैं, लोग बाजारों में खूब खरीदारी करते हैं. लेकिन करवा चौथ का दिन दिल्ली के लिए एक बुरी खबर लेकर शुरू हुआ. दिल्ली के रोहिनी प्रशांत विहार इलाके में सीआरपीएफ स्कूल के पास एक तेज बम धमाका हुआ. हालांकि इस धमाके में किसी की जान जाने की खबर नहीं आई.


और ना ही कुछ बड़ा नुकसान सामने आया. लेकिन देश की राजधानी में इस अहम दिन धमाका होना सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी खतरा माना जा रहा है. घटनास्थल पर एफएसएल की टीम, एनएसजी की टीम और आईबी की टीम, सीआरपीएफ, दिल्ली पुलिस और स्पेशल सेल के साथ मिलकर जांच के लिए पहुंच चुकी है. चलिए आपको बताते हैं क्या होता है एनएसजी, एनआईए और एफएसएल का काम कितनी अलग हैं एक दूसरे से यह जांच एजेंसियां. 


नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (NIA)


साल 2008 के मुंबई हमले के बाद भारतीय सरकार ने नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी यानी एनआईए का गठन किया था. भारत में आतंकवादी गतिविधियों की जांच करने के लिए भारतीय सरकार ने अलग से एक एजेंसी का गठन किया था. एनआईए भारत में आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सभी अपराधों की जांच करने वाली प्रमुख एजेंसी है.


एनआईए आतंकवाद, नक्सलवाद, बॉर्डर पार अपराध, हथियारों की तस्करी और ह्यूमन ट्रैफिकिंग जैसे सभी अपराधों की जांच करती है. अगर कोई मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है या आतंकवाद से संबंधित है तो ऐसे में एनआईए को बिना राज्य सरकार की परमिशन के किसी भी राज्य में जांच करने का अधिकार है. दिल्ली हमले में भी एनआईए जांच कर रही है. 


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नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG)


साल 1984 में जब भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी. उसके बाद ही सरकार ने एक स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप यानी नेशनल सिक्योरिटी गार्ड से की स्थापना की थी.  एनएसजी एक खास तरह का सुरक्षा बल है. जिसका इस्तेमाल आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन और बंधक स्थिति या फिर किसी हाई प्रोफाइल सुरक्षा मिशन को अंजाम देने के लिए किया जाता है. एनएसजी के कमांडो वीवीआईपी को सुरक्षा भी मुहैया करवाते हैं.


इन्हें ब्लैक कैट कमांडो भी कहा जाता है. एनएसजी में पैरामिलिट्री फोर्सेस और इंडियन आर्मी से चुने हुए जवानों को भर्ती किया जाता है. एनएसजी में कार्रवाई के लिए स्पेशल एक्शन ग्रुप और स्पेशल रेंजर्स ग्रुप होते हैं. जहां एनआईए आतंकवादी घटनाओं की और गतिविधियों की जांच करती है. वहीं एनएसजी आतंकवादी घटनाओं को रोकने के लिए और आतंकवादियों से लोहा लेने का काम करती है. 


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फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (FSL)


भारत में पहली फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री साल 1952 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थापित की गई थी. फिलहाल भारत में कुल सात फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री हैं. फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री अपराधों की साइंटिफिक तरीकों से जांच करती है और सबूत इकट्ठा करके उन्हें एग्जामिन करती है. फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री घटनास्थल से एविडेंस कलेक्ट करती है. जिनमें ब्लड, हेयर, डीएनए, वेपन, डिजिटल उपकरण और जो भी चीज मिलती हैं. 


उसका विश्लेषण करती है, इसके अलावा घटनास्थल से फिंगरप्रिंट और दस्तावेजों की जांच भी करती है. फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में अलग-अलग सेक्शंस होते हैं. जिनमें बैलिस्टिक , डीएनए,  और ड्रग्स जैसी चीजों की जांच करने के लिए अलग-अलग एक्सपट्र्स होते हैं. एनआईए और एफएसएल का काम इन्वेस्टिगेशन का ज्यादा होता है. तो वहीं एनएसजी फील्ड एक्शन का काम करती है. तीनों की ही एजेंसियों का मकसद देश की सुरक्षा को मजबूत करना होता है. 


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