26 जनवरी 1950 एक ऐसा ऐतिहासिक दिन था, जब भारत ने पहली बार अपना गणतंत्र दिवस मनाया था. इस दिन पूरा देश खुशी से झूम रहा था. सब लोग अपने-अपने स्तर पर इसका जश्न मना रहे थे. कोई भोज करा रहा था, तो कहीं भंडारा कराया गया. लेकिन इन सब के बीच दिल्ली के सबसे पुराने बाजार चांदनी चौक में एक हलवाई ने अपने पूरे इलाके को मुफ्त में मिठाईयां खिलाईं. ये कोई आम दुकान नहीं थी, इस दुकान का नाम था घंटेवाला हलवाई. जो लोग भी दिल्ली और चांदनी चौक को जानते हैं वो इस दुकान को भी बखूबी जानते हैं. आपको बता दें ये दुकान 50, 100 साल नहीं बल्की 233 साल पुरानी है.


मुगलकाल के समय की है दुकान


घंटेवाला हलवाई की दुकान आज से करीब 233 साल पुरानी है. यानी जिस दौरान यह दुकान दिल्ली में खुली उस समय दिल्ली में मुगलों का शासक था. हालांकि, कुछ साल पहले किन्हीं कारणों से यह दुकान बंद हो गई थी, लेकिन अब यह फिर से खुल चुकी है. आप इस दुकान से मिठाइयां ऑनलाइन भी मंगा सकते हैं. लेकिन कहा जा रहा है कि ये परिवार जल्द फिर से चांदनी चौक में अपनी एक दुकान खोलने पर विचार कर रहा है. खैर वैसे भी चांदनी चौक अगर आप गए होंगे तो आपको मालूम होगा कि यहां एक से बढ़ कर एक पुरानी और शानदार खाने पीने की दुकाने हैं.


1790 में खुली इस दुकान की फेमस मिठाइयां


यह दुकान साल 1790 में खुली थी. जब से यह दुकान खुली इसके आस पास सुबह से लेकर शाम तक मिठाइयों और देसी घी की खुशबू बरकरार रहती थी. हालांकि, पिछले 8 साल से चांदनी चौक की यह फेमस दुकान ऑनलाइन ही अपने यहां की कुछ स्पेशल मिठाइयां बेच रही है. इनमें सोहन हलवा, मैसूर पाक, पतीसा, डोडा बर्फी, कराची हलवा, सेब बादाम बर्फी जैसी मिठाइयां शामिल हैं. आपको बता दें देसी घी में डूबी इन मिठाइयों की कीमत 650 रुपये से लेकर 850 रुपये प्रति किलो तक है.


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