Delhi Drainage System: दिल्ली-एनसीआर के लोग जहां उमस से परेशान हैं वहीं बुधवार को हुई तेज बारिश में दिल्ली के लोगों के लिए राहत से ज्यादा आफत हो गई. बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में हुई बारिश में हर जगह पानी भर गया. मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में एक घंटे में ही 100 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई. गाजीपुर में एक महिला और उसके तीन साल की बच्चे की पानी के चलते मौत हो गई. यहां तक कि संसद भवन में भी पानी भरने के वीडियो सामने आए. ये पहली बार नहीं है, इससे पहले भी कुछ ही देर की बारिश में दिल्ली को तालाब बनते देखा गया है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम कितने साल पुराना है जो हर बारिश में दिल्ली टापू में तब्दील हो जाता है? चलिए जानते हैं.
कितना पुराना है दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम?
दिल्ली में बारिश के बाद आई बाढ़ पहली बार नहीं है, बल्कि हर साल की बारिश में दिल्ली के लोगों को शहर का यही हाल देखने को मिलता है. जिसकी एक वजह दिल्ली का तेजी से होता शहरीकरण और दशकों पुराना ड्रेनेज सिस्टम है. दरअसल, देश की राजधानी आज भी दशकों पुराने ड्रेनेज सिस्टम पर टिकी हुई है. शहर का ड्रेनेज सिस्टम का प्लान आखिरी बार 1976 में तैयार किया गया है. उस समय शहर की आबादी 40 लाख हुआ करती थी, लेकिन अब शहर की आबादी 3 करोड़ हो चुकी है. शहर का ड्रेनेज सिस्टम 24 घंटे में 50 मिमी ही बारिश झेल सकता है, लेकिन एक घंटे में 100 मिमी बारिश हो जाए तो ड्रेनेज सिस्टम भी जवाब दे देगा.
वहीं संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट की मानें तो 2030 तक दिल्ली दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर बन जाएगा. ऐसे में शहर को ड्रेनेज सिस्टम के दायरे को बढ़ाना जरुरी हो गया है. इसके अलावा दिल्ली के बारिश के पानी को जमीन में पहुंचाने के लिए बेहतर प्लानिंग की भी जरुरत है.
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