देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लंबे समय से शराब नीति का विवाद चला आ रहा है. आप नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद इस लिकर पॉलिसी की चर्चा ज्यादा होने लगी है. दरअसल, दिल्ली सरकार एक नई शराब नीति लेकर आई थी, जिसे कुछ दिन के लिए लागू भी किया गया था, लेकिन इसे फिर से  वापस ले लिया गया. अभी दिल्ली में पुरानी लिकर पॉलिसी के तहत ही शराब बेची जा रही है और पुराने नियम ही बरकरार है. पुरानी और नई पॉलिसी में शराब बेचने को लेकर कई अलग-अलग नियम हैं, ये तो आप जानते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं आखिर दोनों पॉलिसी में शराब की रेट में कितना बदलाव हुआ है?


पुरानी और नई नीति में था काफी बदलाव?


दिल्ली में पुरानी और नई शराब नीति में काफी बदलाव है. नई नीति में शराब की दुकानों, शराब की दुकान की शेप, शराब खरीदने की उम्र सीमा, शराब की दुकानों की संख्या आदि में काफी बदलाव किया गया था. नई नीति के दौरान प्राइवेट दुकानों को काफी अधिकार भी दिए गए थे और वो अपने हिसाब से शराब के रेट तय कर रहे थे. साथ ही ड्राई डे भी काफी कम कर दिए थे और शराब की दुकानें ज्यादा दिन तक खुलने लगी थीं. 


कीमत में क्या हुआ बदलाव?


बता दें कि पुरानी और नई शराब नीति में काफी बदलाव हुए, लेकिन कीमत को लेकर खास बदलाव नहीं किया गया था. नई शराब नीति में इंपोर्ट फी और वैट को लेकर हल्के चेंज हुए थे. पुरानी और नई शराब नीति में वैट में ज्यादा अंतर नहीं था. लेकिन, नई शराब नीति में ग्राहकों को दुकानों की ओर से काफी डिस्काउंट दिए गए थे और शराब पर फ्री के ऑफर भी चले थे. कई जगह एक के साथ एक फ्री तो कहीं दो के साथ एक बोतल फ्री मिलने का ऑफर था. इस स्थिति में लोगों को काफी फायदा हुआ.


हालांकि, पुरानी और नई शराब नीति में शराब की रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ और ना ही सरकार की ओर से वैट वगैहरा में कोई बदलाव किया गया. बस नई पेंशन स्कीम में जो डिस्काउंट मिल रहा था, उस पर रोक लगा दी गई है. इसके बाद लोगों को ज्यादा ड्राई डे भी मिलते हैं और पैसे भी बिना डिस्काउंट के देने होते हैं. 


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