दिल्ली वालों ने दिवाली पर इतने पटाखे जलाए कि एक बार फिर पूरा शहर धुआं-धुआं हो गया. ऐसा नहीं है कि दिल्ली की हवा पहले जहरीली नहीं थी, लेकिन बारिश ने इस जहर को काफी कम कर दिया था. इसी बीच दिवाली आ गई, इस मौके पर लोगों ने जमकर आतिशबाजी की. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को धत्ता बताते हुए पटाखों का शोर देर रात तक गूंजता रहा. अब पॉल्यूशन का लेवल एक्यूआई पर 900 पार हो चुका है, ऐसे में लोग कई तरह के तर्क भी देने लगे हैं. कुछ लोग इसे धर्म से जोड़कर भी देख रहे हैं और मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि पटाखों ने हवा जहरीली की है. 


इस पूरी बहस के बीच हम आपको आंकड़ों के जरिए बता रहे हैं कि दिल्ली में दिवाली की सुबह यानी 12 नवंबर को एक्यूआई का लेवल क्या था और अगली सुबह यानी 13 नवंबर की सुबह क्या हाल हुआ. 


बारिश से मिली थी राहत
दिल्ली-एनसीआर में नवंबर शुरू होते ही पॉल्यूशन का लेवल बेहद गंभीर स्तर तक पहुंच चुका था, लोग परेशान थे कि कैसे इस प्रदूषण से निजात पाई जाए. दिल्ली सरकार ने तो कृत्रिम बारिश कराने की तैयारी कर ली थी, लेकिन तभी  शुक्रवार 10 नवंबर को दिल्ली और एनसीआर में जमकर कुदरती बारिश हो गई. जिसने पॉल्यूशन के लेवल को 900 से कम कर 200 के नीचे ला दिया. इसके बाद 10 नवंबर से लेकर 12 नवंबर तक लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली और आसमान में धुआं भी नहीं दिखा. लेकिन दिवाली की रात के बाद जो सुबह हुई उसकी हवा फिर से जहरीली थी. 


दिवाली के बाद कितना बढ़ा पॉल्यूशन?
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, 12 नवबंर यानी दिवाली की सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स करीब 200 के आसपास था. मंदिर मार्ग में 201, आनंद विहार में 266 और आरके पुरम में 241 एक्यूआई था. इसके बाद जब 12 नवंबर की शाम यानी दिवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई तो सुबह 13 नवंबर को एक्यूआई के लेवल कुछ जगहों पर 900 पार हो गया. यानी प्रदूषण का स्तर करीब 5 गुना ज्यादा बढ़ गया. हालांकि दिवाली से ठीक पहले हुई बारिश के चलते पिछले कुछ सालों की दिवाली के मुकाबले इस बार दिवाली पर प्रदूषण का स्तर काफी कम है. 


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