Delhi Pollution: दिल्ली में क्या है पॉल्यूशन का सबसे बड़ा रिकॉर्ड, कब सबसे ज्यादा जहरीली हुई थी हवा?
Delhi Pollution: एक्यूआई से हवा की गुणवत्ता को मापा जाता है, 50 तक एक्यूआई हो तो हवा को साफ माना जाता है. दिल्ली में फिलहाल एक्यूआई का लेवल 700 पार पहुंच चुका है.
राजधानी दिल्ली में फिलहाल लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. यहां नवंबर के महीने में प्रदूषण का स्तर एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई पर 700 पार हो चुका है. जो इस साल का सबसे ज्यादा स्तर है. यानी दिल्ली एक बार फिर गैस चेंबर में तब्दील हो चुकी है, जो लोगों के लिए बेहद खतरनाक है. हवा की गुणवत्ता बेहद गंभीर वाले लेवल पर है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली में सबसे ज्यादा पॉल्यूशन कब और किस साल दर्ज किया गया? आइए हम आपको बताते हैं.
सबसे ज्यादा एक्यूआई
दिल्ली में हर साल अक्टूबर से लेकर जनवरी तक पॉल्यूशन की समस्या होती है, जिसमें हवा काफी जहरीली हो जाती है और एक्यूआई नए रिकॉर्ड दर्ज करता है. सबसे जहरीली हवा दिल्ली में साल 2019 में दर्ज की गई, जब एक्यूआई 1200 से ज्यादा दर्ज किया गया. ये भी तीन नवंबर का ही दिन था. यानी ऐसी हवा, जिसमें आप सांस लेते हैं तो आपको कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. इस साल दिल्ली प्रदूषण के मामले में पाकिस्तान के लाहौर और बांग्लादेश के ढाका से भी आगे था.
जहरीली हवा में ले रहे हैं सांस
बता दें कि एक्यूआई से हवा की गुणवत्ता को मापा जाता है, 50 तक एक्यूआई हो तो हवा को साफ माना जाता है. इससे आप समझ सकते हैं कि अगर आज एक्यूआई का लेवल 700 पार है तो आप कैसी हवा में सांस ले रहे हैं. 400 के बाद के एक्यूआई को बेहद गंभीर माना जाता है. राजधानी दिल्ली में करीब तीन महीने लोग इसी बेहद गंभीर श्रेणी की हवा में सांस लेते हैं और कामकाज पर जाते हैं.
प्रदूषण को लेकर कई तरह की हैरान कर देने वाली रिपोर्ट्स भी सामने आती हैं, जिनमें बताया जाता है कि कैसे ये लोगों की उम्र को कम कर रहा है. दिल्ली में लोगों की औसत उम्र करीब 10 साल कम हो रही है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पॉल्यूशन कितना खतरनाक है.