Dental Cavity Treatment: दांत पर्सेनलिटी का बड़ा हिस्सा हैं. दांत खराब होने पर व्यक्ति बदसूरत लगने लगता है. दांतों के कई रोग ऐसे होते हैं कि उनमें दर्द इतना भयानक होता है. न व्यक्ति कुछ खा पाता है और न सो पाता है. आज दांत की ऐसी ही बीमारी के बारे में बात करने जा रहे हैं. बच्चे हो या बुजुर्ग, दांतों में कीड़ा लगने की समस्या कॉमन है. आज यही जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर दांतों की कीड़ा लगता क्यों है?


दांतों का नेचर समझिए
पहले दांतों के नेचर को समझ लेते हैं. दांतों में अलग अलग परत होती हैं. दांतों की बाहरी सतह की रक्षा करने वाली इनेमल कहलाती है. इनमेल के नीचे की नर्म परत डेंटीन ओर डेंटीन के नीचे मौजूद नस पल्प बोली जाती है. जब दांतों की सख्त सतह यानि इनेमल हमेशा के लिए नष्ट हो जाती है. छोटे छेद होने लगते हैं. इसे दांतों की कैविटी यानि कीड़ा लगना कहा जाता है..


इस वजह से लगता है दांतों में कीड़ा
खाने-पीने की चीजों से दांतों पर प्लेक जमा होने लगता है. नियमित तौर पर साफ सफाई न होने से भी स्थिति गंभीर हो जाती हैं. इसमें बैक्टीरिया बनता है, वह दांतों की सतह पर और मसूड़ों के साथ चिपक जाता है. बैक्टीरिया एसिड पैदा करते हैं. इससे दांतों की सतह इनेमल नष्ट होने लगती है. आमतौर पर स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स नामक बैक्टीरिया को इसका मुख्य कारण माना जाता है. 


दांतों में आ जाती है मिनरल्स की कमी
दांतों में कीड़ा लगने के पहले चरण के दौरान में दांतों में मिनरल्स की कमी हो जाती है. दांतों पर सफेद धब्बे दिखने लगते हैं. ऐसा तब होता, जब दांतों की इनेमल यानि बाहरी परत को नुकसान होने लगता है. डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, दांतों में कीड़ा लगना दुनिया में सबसे आम गैर-संचारी रोग है. अमेरिका में 4 में एक व्यक्ति कीड़े लगने की समस्या से परेशान है. भारत में भी स्थिति ठीक नहीं है. लेकिन कुछ घरेलू उपचार और रेग्यूलर दांतों की सपफाई से दांतों को ठीक रखा जा सकता है. 


डेंटल कैविटी के लक्षण जानिए
डेंटल कैविटी के लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं. इनमें दांतों में बिना वजह दर्द हो सकता है, झनझनाहट होना, ठंडा, गर्म पानी या तरल या ठोस पदार्थ का लगना, दांतों में छेद और काले गड्ढे दिखाई देना,  दांतों की सतह पर काले, भूरे और सफ़ेद रंग के दाग दिखाई देना, कुछ भी चबाते समय दर्द होना शामिल हैं.


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