Jammu Kashmir Devika River: जम्मू-कश्मीर में स्थित खास धार्मिक महत्व रखने वाली देविका नदी का कायाकल्प किया जा रहा है. हालांकि इसे इसी साल यानी 2022 में ही जून में पूरा किया जाना था. इसका समय बार-बार आगे बढ़ाया जाता रहा है. इसकी कुल लागत लगभग 200 करोड़ रुपये है. यहां हम आपको देविका नदी के महत्व और इसके कायाकल्प से जुड़ी इस परियोजना के बारे में बताएंगे- 


देविका नदी में हिंदू धर्म की आस्था है. नदी में शहर की सारी गंदगी बहायी जाती है जिससे नदी प्रदूषित हो चुकी थी. देविका नदी को विलुप्त होने से बचाने के लिए इस परियोजना को शुरू किया गया है.


क्या है देविका नदी कायाकल्प परियोजना


देविका नदी कायाकल्प परियोजना को मार्च 2019 में राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत जम्मू कश्मीर के उधमपुर जिले में स्थित देविका नदी के कायाकल्प के लिए शुरू किया गया था. इस परियोजना के द्वारा नदी पर स्नान घाटों का विकास किया जायेगा. नदी के आस-पास स्थित अतिक्रमण को हटाने का काम किया जा रहा है.


इसके अलावा दो दाह संस्कार घाटों का निर्माण,प्राकृतिक जल निकायों की बहाली,तीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट,129.27 किलोमीटर के सीवरेज नेटवर्क,छोटे जल विद्युत संयंत्र के साथ-साथ तीन सौर ऊर्जा संयंत्र,सुरक्षा बाड़ और भू-निर्माण का काम शामिल है. इसके अलावा जब यह परियोजना पूरी हो जायेगी तब नदी के प्रदूषण में कमी और पानी की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा.


क्या है देविका नदी का महत्व


देविका नदी में हिंदू धर्म के लोगों की आस्था है.हिंदू धर्म के अनुसार देविका नदी को गंगा नदी की बहन के रूप में मान्यता प्राप्त है.देविका नदी जम्मू कश्मीर के उधमपुर जिले की पहाड़ी सुध महादेव मंदिर से निकलती है और पश्चिमी पंजाब (अब पाकिस्तान) की ओर बहते हुए रावी नदी में मिल जाती है.


यानी देविका नदी रावी नदी की सहायक नदी भी है.ऊधमपुर जिले को देवकनगरी के रूप में पहचान देविका नदी के कारण ही मिली है. ऐसा कहा जाता है की देविका नदी मां पार्वती का ही स्वरूप है और भगवान शिव के आदेश पर डुग्गर प्रदेश के कल्याण के लिए देविका नदी के रूप में यहां बहती हैं.


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