No Fly List: 26 नवंबर को न्यूयॉर्क से नई दिल्ली आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट में बिजनेस क्लास में सफर के दौरान एक व्यक्ति ने अपनी महिला सहयात्री के साथ यह बदसलूकी की थी. आरोपी शंकर मिश्रा ने यात्रा के दौरान एक 70 वर्षीय महिला यात्री पर पेशाब कर दी थी. इस मामले पर डीजीसीए (DGCA) ने सख्ती दिखाई. फ्लाइट में नशे की हालत में महिला यात्री के साथ अनुचित व्यवहार करने वाले मिश्रा पर 30 दिनों के लिए यात्रा प्रतिबंध लगाया गया. क्या आप जानते हैं कि सिर्फ यूरिन करने का मामला ही नहीं, बल्कि ऐसी कई स्थितियां हैं जो किसी इंसान को नो-फ्लाय लिस्ट में डाल सकती हैं? आइए जानते हैं कि DGCA की गाइडलाइन के मुताबिक किसी व्यक्ति को नो-फ्लाय लिस्ट में कब डाला जा सकता है.
क्या कहती है 2017 में बनी गाइडलाइन
हवाई जहाज में सफर करते समय यात्रियों के गलत व्यवहार को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 2017 में गाइडलाइन जारी की थी. इस गाइडलाइन के मुताबिक, अगर कोई यात्री प्लेन में गलत व्यवहार करता है तो पायलट को इसकी रिपोर्ट दर्ज करानी होगी, जिसके बाद मामले की आंतरिक जांच की जाएगी. विमान कंपनी को यह अधिकार है कि जांच के दौरान कंपनी उस यात्री को 30 दिन के लिए नो-फ्लाय लिस्ट में डाल सकती है. हालांकि, इसके लिए भी एक समय सीमा निर्धारित होती है अगर विमान कंपनी us तय समय के भीतर ऐसा फैसला नहीं ले पाती तो वो शख्स विमान यात्रा जारी रख सकता है.
इन कामों की वजह से नहीं कर पाएंगे विमान यात्रा
1. अगर कोई पैसेंजर शराब पीकर यात्रा करता है और उसके कारण दूसरे यात्री या विमान यात्रा के दौरान किसी तरह की कोई दिक्कत पैदा होती है तो उसके खिलाफ यह कार्रवाई की जा सकती है.
2. कोई यात्री अगर विमान में स्मोकिंग करता है या क्रू मेंबर्स या दूसरे यात्रियों के लिए गलत शब्दों या भाषा का प्रयोग करता है तो उसे इस लिस्ट में डाला जा सकता है.
3. क्रू मेंबर्स के काम करने के तरीके में जानबूझकर अड़चन डालना भी इस कार्रवाई की वजह बन सकती है.
शिकायतों के लिए हैं तीन लेवल
किसी को इशारे करना या धमकी देना और नशा करके दूसरे यात्रियों को परेशान लेवल-1 में आता है. किसी का शारीरिक रूप से अपमान करना जैसे- धक्का देना, थप्पड़ मारना, लात मारना आदि लेवल-2 में आता है. विमान को नुकसान पहुंचाना, किसी की जान जोखिम में डालना या हाथापाई करना लेवल-3 में आता है.
विमान कंपनी ने लगाया गलत बैन तो क्या करें
अगर विमान कंपनी आप पर इस तरह का बैन लगा देती है और आपको लगता है कि विमान कंपनी ने आप पर गलत बैन लगाया गया है तो आप मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन के तहत काम करने वाली अपीलेट कमेटी में आवेदन कर सकते हैं. इस कमेटी को जो भी फैसला होगा वो यात्री को मानना पड़ेगा.
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