राजेश खन्ना ने आनंद फिल्म में जिंदगी को हंसकर जीने पर जोर दिया था. उनका एक डायलाॅग भी है, 'बाबूमोशाय , ज़िंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ में है…कब कौन कैसे उठेगा, ये कोई नहीं बता सकता'. जिसके बाद वो और अमिताभ बच्चन का किदार जोर-जोर से हंसने लगता है. थोड़ी देर बाद राजेश खन्ना का किरदार अपने सीने को पकड़ लेता है और मर जाता है. फिल्म में उस किरदार को कैसंर होता है. लेकिन असल जिंदगी में भी ऐसे मामले देखे गए हैं. जहां हंसते-हंसते इंसान की मौत हो जाती है. आम बोलचाल में हंसा-हंसा कर मारना एक अतिशयोक्ति है. लेकिन क्या यह मुमकिन है? क्या ज्यादा हंसी किसी की मौत का कारण बन सकती है?


भारत में भी हंसते हंसते हुई है मौत


कुछ इंसानों के साथ बड़ी रोचक घटनाएं होती हैं. यह ऐसी घटनाएं होती हैं जिन पर यकीन करना भी मुश्किल होता है. ज्यादा हंसने की वजह से दुनिया को अलविदा कहना एक दुर्लभ घटना है. इसका सबसे पहला मामला हजारों साल पहले तीसरी शताब्दी ई.पू. में मिलता है. हालांकि, उस सदी में इसका सटीक आलेख नहीं लिखा गया था. Chrysippus नाम के ग्रीक फिलॉस्फर की मौत के 2 विवरण दिए जाते हैं. एक में उसकी मौत ज्यादा शराब पीने से होती है. दूसरे आलेख में वह एक गधे को कुछ खाते हुए देख रहा था, जिस पर वो मजाक में चिल्लाया, 'अब गधे को शराब पिलाओ'. अपने ही मजाक पर वह हंसते हंसते मर गया.


ऐसी घटना के पुख्ता मामले आज के समय भी मिलते हैं. 1975 में Alex Mitchell नाम का ब्रिटिश व्यक्ति The Goodies नाम का पॉपुलर कॉमेडी शो देख रहा था. वो आदमी 30 मिनट तक लगातार पेट पकड़कर हंसता रहा. फिर जमीन पर गिर कर मर गया. 2003 में थाइलैंड का एक आइसक्रीम ट्रक ड्राइवर नींद में जोर-जोर से हंसने लगा. बगल में सो रही उसकी बीवी ने उसे उठाने की कोशिश की. लेकिन वो विफल रहीं. बाद में उस शख्स की सांसें रुक गई. 


भारत में भी ऐसा एक मामला दर्ज हुआ है. 2013 में महाराष्ट्र में 22 साल का युवक मंगेश भोगल अपनी दोस्त के साथ ग्रैंड मस्ती नाम की कॉमेडी फिल्म देखने गया था. फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान भोगल इतनी जोर से हंसे कि उन्हें दिल का दौरा पड़ गया. मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि युवक के पास बैठे लोगों ने कहा कि वह दिल खोलकर हंस रहा था और तभी उसे एक बड़ा स्ट्रोक आ गया. मंगेश की मृत्यु अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो गई थी. 


दिल खोलकर हंसने से मौत हो जाती है


ध्यान देने वाली बात है कि सब मामलों में सीधा-साधा हंसने से किसी की मौत नहीं हुई है. ज्यादातर मामलों में हंसते हुए किसी वजह से सांस अटकने से या दिल का दौरा पड़ने से व्यक्ति की मौत हुई है. हंसना अब भी एक स्वस्थ आदत है. दिल खोलकर हंसने से भी कोई दिक्कत नहीं है. डाॅक्टर भी हंसने की सलाह देते हैं. हंसने को सबसे अच्छी दवा कहा जाता है. हंसने से आपका मानसिक और शारिरीक स्वास्थ्य बेहतर होता है. हालांकि, सब लोगों के शरीर अलग-अलग तरह से काम करते हैं. बहुत जोर से हंसने से कुछ लोगों को परेशानी हो सकती है. इसलिए अपने शरीर और स्वास्थ्य पर नजर रखें. यदि आपको हंसने से पहले या बाद में कोई असामान्य लक्षण महसूस होते हैं तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें. 


ये भी पढ़ें: इन देशों में हैं सबसे पुराने संसद भवन, कई में तो 600 से 700 साल पुरानी हैं इमारतें