क्या आपने कभी गौर किया है कि सड़कों पर ऊपर की ओर लगे साइन बोर्ड अक्सर हरे और नीले रंग के ही क्यों होते हैं. कभी आपने ये सवाल किया है कि आखिर इन रंगों का मतलब क्या होता है और हरे वाले साइन बोर्ड नीले वाले साइन बोर्ड से कैसे अलग होते हैं. चलिए आज इस आर्टिकल में आपको इन्हीं सवालों के जवाब देते हैं.


हरे साइन बोर्ड


हरे रंग के साइन बोर्ड का मतलब होता है कि वह आपको दिशा, स्थान के नाम और दूरी जानकारी दे रहा है. हरे रंग के साइन बोर्ड आपको छोटे रास्तों से लेकर राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी मिल जाएंगे. खासतौर से जब आप किसी चौराहे के पास होते हैं तो वहां आपको हरे रंग के साइन बोर्ड जरूर दिख जाएंगे. इन पर रास्तों की दिशा और जगह का नाम लिखा होता है. अब चलिए जानते हैं कि नीले रंग के साइन बोर्ड पर क्या लिखा होता है.


नीले रंग के साइन बोर्ड


नीले रंग के साइन बोर्ड का इस्तेमाल अक्सर सूचना और निर्देश देने के लिए होता है. जैसे, पार्किंग किधर है, हॉस्पिटल किधर है या फिर पुलिस स्टेशन किधर है. साफ शब्दों में कहें तो नीले रंग के साइन बोर्ड का इस्तेमाल मुख्य रूप से सार्वजनिक सुविधाओं की जानकारी देने के लिए किया जाता है. इसके अलावा इसका इस्तेमाल राज्य के राजमार्गों के लिए भी किया जाता है.


पीले रंग के बोर्ड का इस्तेमाल


वहीं जब आप सड़कों से हट कर रेलवे स्टेशन की ओर बढ़ते हैं तो वहां आपको स्टेशन के नाम पीले रंग के बोर्ड पर लिखाई देता है. दरअसल, ऐसा पीले रंग के ब्राइट कलर की वजह से होता है. इसके साथ ही पीला रंग दूर से ही दिख जाता है. रेलवे स्टेशन के नाम पीले रंग के बोर्ड पर इसलिए लिखा होता है ताकि ट्रेन का लोकोपायलट दूर से ही बोर्ड पर लिखे स्टेशन के नाम को पढ़ सके. इसके साथ ही यात्रियों को भी पीले रंग के ब्राइट कलर की वजह से उस पर लिखे स्टेशन का नाम पढ़ने में आसानी होती है. अगर ट्रेन तेज रफ्तार में भी हो तब भी यात्री पीले रंग की वजह से बोर्ड पर लिखे नाम को पढ़ सकते हैं.


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