Difference Between Whisky and Whiskey: मार्केट में अलग अलग किस्म की शराब आती हैं. शराब की ऐसी ही एक किस्म है व्हिस्की. अगर आप शराब पीते हैं तो आपने गौर किया होगा कि व्हिस्की की किसी बोतल पर अंग्रेजी में Whisky और किसी पर Whiskey लिखा होता है. इसे देख मन में यह सवाल आता है कि इनमें कौन-सा शब्द सही है. व्याकरण के नजरिए से दोनों ही शब्द सही हैं. अब सवाल यह उठता है कि अगर दोनों सही हैं तो फिर Whisky और Whiskey में क्या फर्क है? आइए जानते हैं कि कब बोतल पर Whisky लिखा जायेगा और कब Whiskey...


Whisky और Whiskey में अंतर
दरअसल, इस अंतर का मुख्य कारण है आयरिश और अमेरिकी शराब कंपनियां. आयरलैंड और अमेरिका की शराब कंपनियां अपने व्हिस्की ब्रांड को एक अलग पहचान देने के लिए Whisky में एक अतिरिक्त E का इस्तेमाल करते हुए Whiskey लिखती हैं. यही वजह है कि अमेरिकी कंपनी जैक डेनियल की व्हिस्की की बॉटल और आयरिश व्हिस्की ब्रांड जेमसन की बोतल पर भी  Whiskey लिखा होता है. हालांकि, अगर भारतीय, स्कॉटिश, जापानी या कनाडा की शराब कंपनियों की बोतलें जैसे ग्लेनफिडिक, ग्लेनलेविट, ब्लैक डॉग, जॉनी वॉकर, ब्लैक एंड वाइट, एंटीक्यूटी आदि को देखें तो उन पर Whisky ही लिखा होता है.  


स्कॉच व्हिस्की और आम व्हिस्की में फर्क
कई बार लोगों के मन में शराब की बोतलों पर लिखे स्कॉच के मतलब को लेकर भी सवाल उठते रहते हैं. दरअसल, स्कॉटलैंड में बनी व्हिस्की को स्कॉच व्हिस्की कहते हैं. स्कॉच बनाने के लिए उसे ऐज किया जाता है, मतलब व्हिस्की को कुछ सालों तक एक खास प्रक्रिया के तहत स्टोर कर दिया जाता है. इसी वजह से स्कॉच की बोतलों पर आप 5 साल, 12 साल या 15 साल लिखा हुआ पाएंगे. स्कॉच व्हिस्की को बनाने के लिए जौं, मक्का आदि का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, ज्यादातर भारतीय कंपनियां अनाज की जगह गन्ने से चीनी बनाने के दौरान बने मोलेसेज या शीरे का इस्तेमाल करके व्हिस्की बनाती हैं. हालांकि, भारतीय ब्रांड की व्हिस्की इंडियन मेड फॉरेन लिकर (IMFL) की श्रेणी में आती हैं इसलिए उन्हें ऐज करना अनिवार्य नहीं है. 


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