दिवाली का त्योहार अंधकार पर विजय का पर्व माना जाता है, इसे पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. दिवाली के त्योहार को भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में कई देशों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इन्हीं देशों में श्रीलंका भी एक ऐसा देश है जहां दिवाली का त्योहार भारत की तरह ही धूमधाम से मनाया जाता है. यहां दिवाली के दिन पब्लिक हॉलिडे होता है. श्रीलंका में ज्यादातर तमिल भाषी समुदाय के लोग दिवाली मनाते हैं. कई लोग मानते हैं कि रावण के साम्राज्य में दिवाली नहीं मनाई जाती होगी, लेकिन ऐसा नहीं है रावण के साम्राज्य में भी राम का त्योहार उतनी ही धूमधाम से मनाया जाता है.
दिवाली पर क्या करते है श्रीलंका के लोग
दिवाली के त्योहार को श्रीलंका में लैम क्रियॉन्ग के नाम से मनाते हैं. श्रीलंका के तमिल हिंदू लोग इस दिन सुबह जल्दी उठकर तेल से स्नान करते है. यहां इस दिन घरों के बाहर चावल के आटे से मेहमानों के स्वागत के लिए घरों के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाने की परम्परा है. इसके अलावा श्रीलंका में दिवाली के दिन लोग केले के पत्तों से बने दीपक जलाकर सेलिब्रेट करते है. यहां दिवाली पर लोग लैंपों में मोमबत्तियां, एक सिक्का और धूप रखते हैं और फिर इसे नदी में प्रवाहित कर देते हैं.
कोलम्बो के प्राचीन मंदिर में पूजा
श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में दिवाली की शाम को सभी हिंदू समुदाय के लोग यहां के प्राचीन शिव मंदिर पोन्नम्बलवनेश्वर देवस्थानम में पूजा-अर्चना करने जाते हैं. यहां दिवाली के दिन राम के स्वागत में दीप जलाए जाते हैं इस दिन यहां मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. कई लोगों का मानना है कि श्रीलंका में दिवाली सिर्फ कोलंबो में ही मनाई जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है श्रीलंका में दिवाली पूरे देश जहां जहां हिंदू समुदाय के लोग रहते है वहां मनाई जाती है.
बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए मनाई जाती है दिवाली
श्रीलंका रावण का साम्राज्य था यहां आज भी रावण को भगवान की तरह पूजा जाता है. इसलिए श्रीलंका में दिवाली पर राम की रावण पर जीत का जिक्र नहीं किया जाता, बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत पर जोर दिया जाता है. इस दिन श्रीलंका में भी लोग भारत की ही तरह नए कपड़े पहनते है. सभी को दिवाली की बधाई दी जाती है और आने वाले साल का स्वागत किया जाता है. श्रीलंका की ही तरह म्यांमार, नेपाल, सिंगापुर, मलेशिया और यूरोपियन देशों में भी दिवाली धूमधाम से मनाई जाती है.
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