अतंरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर एक सप्ताह की अतंरिक्ष यात्रा पर गए थे, लेकिन स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में तकनीकी समस्याओं के कारण अब उनकी अगले साल यानी 2025 में अंतरिक्ष से लौटने की संभावना जताई जा रही है. इस बीच सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का एक पुराना इंटरव्यू सोशल मीडिया पर खासा वायरल हो रहा है. NCERT की वेबसाइट पर उपलब्ध एक इंटरव्यू लोगों द्वारा खूब शेयर भी किया जा रहा है. जिसमें भारत की यात्रा के दौरान सुनीता विलियम्स ने स्कूली बच्चों से बातचीत में अंतरिक्ष में मानव के शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बताया था.


अंतरिक्ष में मानव शरीर में क्या होते हैं बदलाव?


इस इंटरव्यू में सुनीता विलियम्स ने बताया था कि नाखूनों और बालों के तेजी से बढ़ने लगते हैं. साथ ही अंतरिक्ष में रहने वाले व्यक्ति की लंबाई भी बढ़ जाती है. उन्होंने बताया था कि, "आपके पैरों के कॉलस गायब हो जाते हैं क्योंकि आप नहीं चलते हैं, और नाखून और बाल तेजी से बढ़ते हैं. गुरुत्वाकर्षण के बिना, आपके चेहरे पर कुछ झुर्रियां दो कारणों से गायब हो सकती हैं, एक ये कि द्रव शिफ्ट होता है. आपकी रीढ़ भी फैलती है क्योंकि आपके कशेरुकाओं के बीच कोई दबाव नहीं होता है, जिससे आप अंतरिक्ष में थोड़े लंबे हो जाते हैं.”


धरती पर आने के बाद होते हैं ये बदलाव


सुनीता विलियम्स ने बताया था कि हालांकि, धरती पर वापस आने के बाद ये बदलाव उलट जाते हैं. आप गुरुत्वाकर्षण से बच नहीं सकते. आप अपनी सामान्य ऊंचाई पर वापस आ जाते हैं, आपकी पीठ में थोड़ा दर्द हो सकता है.


साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि वहां "हमें वास्तव में अपनी हड्डियों के घनत्व और मांसपेशियों के द्रव्यमान के बारे में चिंता करने की जरूरत है क्योंकि जब आप अंतरिक्ष में होते हैं तो आपकी हड्डियां कम होने लगती हैं. इसलिए अनिवार्य रूप से उन्नत ऑस्टियोपोरोसिस शुरू हो जाता है.” उन्होंने कम करने वाली तकनीकों के बारे में बात की जिसमें एक हार्नेस के साथ ट्रेडमिल पर दौड़ना शामिल है जो एक को नीचे रखता है. "हम वजन भी नापते हैं जो कूल्हे क्षेत्र और पैरों के क्षेत्र में मदद करता है. हम अपनी पीठ पर बार के साथ स्क्वाट करते हैं और हड्डियों के घनत्व को पुनर्जीवित करने के लिए डेडलिफ्ट करते हैं.             


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