शरीर के इस हिस्से में भूल कर भी टैटू ना बनवाएं, बर्दाश्त से बाहर होगा दर्द
दुनिया का सबसे पुराना टैटू एक उत्जी के शरीर पर पाया गया था, जिसे हम हिम मानव के नाम से जानते हैं. ये एक ममी के रूप में मिला था, जो लगभग 5 हजार साल पुरानी है.
इंसानों के बीच टैटू का चलन आज से नहीं बल्कि सदियों से है. लेकिन, उस वक्त इसका इस्तेमाल शरीर पर कोई खास तरह का निशान बनाने के लिए किया जाता था. लेकिन अब लोग टैटू फैशन के लिए कराते हैं. लोग शरीर के अलग अलग हिस्सों पर अलग अलग तरह का टैटू बनवाते हैं. कुछ तो ऐसे हैं जो अपने पूरे शरीर पर टैटू बनवा के घूम रहे हैं. अब सवाल उठता है कि जब टैटू बनवाने में इतना दर्द होता है तो लोग टैटू बनवाते कैसे हैं और उससे भी बड़ा सवाल ये कि आखिर शरीर के किस हिस्से में टैटू बनवाने से सबसे ज्यादा दर्द होता है.
सबसे ज्यादा दर्द कहां होता है?
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, टैटू बनवाते समय हमे जो दर्द महसूस होता है इसके पीछे वजह होती हैं हमारी तंत्रिकाएं. इसी रिपोर्ट में बताया गया कि शरीर के जिस हिस्से में चर्बी कम होती है और तंत्रिकाएं अधिक होती हैं, वहां टैटू करवाना सबसे ज्यादा दर्दनाक होता है. शरीर में ऐसे हिस्से पांव, टखने, आर्म पिट्स, कंधे और पसलियों के पास का हिस्सा होता है. इन हिस्सों पर अगर आप टैटू बनवाते हैं तो आपको बेहिसाब दर्द सहना पड़ सकता है.
क्या सबको एक जैसा दर्द होता है?
ऐसा बिल्कुल नहीं है. हर इंसान के लिए दर्द का पैमाना अलग अलग होता है. कुछ लोग होते हैं वो दर्द को ज्यादा बर्दाश्त कर लेते हैं, इसलिए उन्हें दर्द ज्यादा नहीं होता. वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें सुई के चुभने से ही इतना दर्द होता है कि वह उनकी बर्दाश्त से बाहर होता है.
दुनिया में सबसे पहला टैटू किसने बनवाया था?
दुनिया का सबसे पुराना टैटू एक उत्जी के शरीर पर पाया गया था, जिसे हम हिम मानव के नाम से जानते हैं. दरअसल, साल 1991 में इटली के पास एक ममी मिली. जो लगभग 5 हजार वर्ष पुरानी थी, उसी के शरीर पर टैटू मिला था. हालांकि, ये टैटू बहुत छोटा था. लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का मानना था कि ये टैटू नहीं बल्कि इलाज के लिए इस्तेमाल किए एक्यूपंक्चर ट्रीटमेंट के निशान हो सकते हैं.