डंकी रूट पर क्या पैदल अमेरिका जाते हैं लोग? जान लीजिए कितना खतरनाक होता है सफर
डंकी रूट के जरिये लाखों लोग पलायन का रास्ता अपनाते हैं, लेकिन क्या इस रास्ते पर लोग पैदल चलकर जाते हैं? चलिए जानते हैं.
आप किसी दूसरे देश की यात्रा करने के बारे में सोचते हैं तो आप अक्सर एयरप्लेन से जाने के बारे में सोचते होंगे, लेकिन कुछ लोग इसके लिए बेहद खतरनाक तरीका अपनाते हैं जिसे डंकी रूट (Donkey Route) के नाम से जाना जाता है. जी हां, डंकी रूट के जरिये कई लोग अवैध तरीके से अमेरिका में घुसने की कोशिश करते हैं. ये रास्ता कई देशों से होते हुए अमेरिका तक जाता है, जिसे बेहद खतरनाक रास्ता भी माना जाता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि क्या इस रास्ते के जरिये अमेरिका तक पहुंचने के लिए पैदल जाना पड़ता है?
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क्या है डंकी रूट?
अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये डंकी रूट है क्या और इसे इतना खतरनाक क्यों माना जाता है. तो बता दें कि यह एक तरह से विदेश जाने का बैक डोर रास्ता है. ऐसे लोग जिन्हें वैध तरीके से किसी देश में जाने की इजाजत नहीं मिलती है या फिर वहां का सीधा वीजा नहीं मिलता वो ‘डंकी रूट’ के जरिये अपनी मंजिल तक पहुंचने की कोशिश करते हैं. जैसे यदि किसी व्यक्ति को अमेरिका जाना है और उसे अमेरिका का सीधा वीजा नहीं मिलता है तो वह किसी ऐसे देश का वीजा हासिल कर सकता है, जहां से अमेरिका जाना आसान है. अवैध तरीके से एंट्री की जा सकती है.
अमेरिका का डंकी रूट क्या है?
अमेरिका तक जाने वाला डंकी रूट खासतौर पर ग्वाटेमाला, होंडुरास, निकारागुआ जैसे देशों से होकर जाता है। यह रास्ता बहुत मुश्किल और कठिन होता है। लोग इस रास्ते से अमेरिका पहुंचने के लिए लंबा और खतरनाक सफर करते हैं। इस रास्ते पर कोई हाईवे या आसान रास्ता नहीं होता, जिससे लोग अपने सफर में कई कठिनाइयों का सामना करते हैं.
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कभी पैदल तो कभी डिग्गी में घुसकर करना पड़ता है सफर
डंकी रूट अवैध है लिहाजा घुसपैठियों की यात्रा का साधन भी अवैध ही होता है. इस रास्ते पर कभी पैदल तो कभी कार की डिग्गी कभी ट्रांसपोर्ट ट्रक तो कभी कार्गो शिप में छिपकर अपनी मंजिल तक पहुंचने की कोशिशें करते हैं. यह तरीका खर्चीला तो है ही, साथ ही जानलेवा और बहुत थकाऊ भी है. कई बार ऐसे अवैध प्रवासी, डंकी रूट में चरमपंथियों के हत्थे चढ़ जाते हैं और फिर उनकी जिंदगी दूभर हो जाती है. कई बार इस रास्ते में मीलों तक पैदल सफर करना होता है और एक देश से दूसरे देश पहुंचने में काफी संघर्ष करना पड़ता है. इस रास्ते में खाने-पीने तक से लोग महरूम हो जाते हैं. कई बार तो इस रास्ते पर चलते हुए ही लोगों की मौत हो जाती है.
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