Flying Drones at Weddings: शादियों में जो ड्रोन उड़ाते हैं, उसके लिए भी पहले परमिशन लेनी पड़ती है? नियम जान लीजिए
आज के दौर में अधिकांश लोग शादियों और प्री वेडिंग शूट के समय ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन सवाल ये है कि आखिर ड्रोन उड़ाने के किससे परमिशन लेना होता है, बिना परमिशन के उड़ाने पर क्या हो सकता है.
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शादी और प्री वेडिंग शूट के लिए अब अधिकांश लोग ड्रोन से फोटो और वीडियोग्राफी करवाना पसंद करते हैं. इसके अलावा यूट्यूब पर ब्लॉगिंग करने वाले लोग भी अक्सर ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या शादी में ड्रोन उड़ाने के लिए परमिशन की जरूरत पड़ती है या कोई फोटोग्राफर सीधे ड्रोन उड़ा सकता है. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
ड्रोन के लिए परमिशन
जानकारी के मुताबिक भारत के किसी भी क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने के लिए वहां पर स्थानीय पुलिस स्टेशन या नगर पालिका से परमिशन लेना जरूरी होता है. वहीं आर्मी कैंट एरिया और प्रतिबंधित स्थानों पर ड्रोन बैन है. वहां पर ड्रोन उड़ाते पकड़े जाने पर जुर्माना और जेल दोनों हो सकता है. आसान भाषा में कहें तो कहीं भी ड्रोन उड़ाने के लिए स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेना जरूरी होता है.
स्काईएयर मोबिलिटी के सीईओ अंकित कुमार ने बताया कि सरकार ने कहा कि जिन ड्रोन को प्रतिबंधित किया गया है, उसमें हर आकार के ड्रोन शामिल हैं. किसी भी ड्रोन को उड़ाने के लिए आधिकारिक अनुमति लेना जरूरी है. यह फैसला सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया है.
किसी को छूट नहीं
सरकारी आदेश के मुताबिक कोई भी फोटोग्राफर और ब्लॉगर एरियल फुटेज कैप्चर करता है, फिर चाहे उसने छोटे ड्रोन का इस्तेमाल किया हो या बड़े ड्रोन का इस्तेमाल किया होगा. उसे प्रशासन से इजाजत लेनी होगी. ऐसा नहीं करने पर प्रशासन संबंधित धाराओं में शिकायत दर्ज करके कार्रवाई कर सकती है.
ड्रोन्स की कैटेगरी
बता दें कि भारत में ड्रोन को पांच कैटेगरी में बांटा गया है. पहला 250 ग्राम से कम वजन वाले ड्रोन नैनो कहे जाते हैं. वहीं इसके ऊपर और 2 किलो तक के वजन वाले ड्रोन को माइक्रो कहा जाता है. वहीं 2 से 25 किलोग्राम वजन वाले ड्रोन को स्मॉल कहा जाता है. 25 से 150 किलोग्राम वजन वाले ड्रोन्स को मीडियम ड्रोन और 150 किलोग्राम से ज्यादा वजन वालों को बड़े ड्रोन की कैटेगरी में रखा गया है.
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