आमतौर पर हर व्यक्ति को विदेश जाने के लिए पासपोर्ट के साथ वीजा की जरुरत होती है. इन डॉक्यूमेंट्स को वो एयरपोर्ट पर चेक करने के बाद ही फ्लाइट में उड़ान भर सकता है, लेकिन आपके मन में ये सवाल जरूर उठता होगा कि रोज उड़ान भरने वाले पायलट्स के लिए वीजा जरूरी होता है या नहीं या फिर क्या उन्हें भी इतनी ही चेकिंग से होकर गुजरना पड़ता होगा. यदि आपको ये सवाल परेशान कर रहा है तो चलिए आज हम आपके लिए इस सवाल का जवाब लेकर आए हैं.
पायलट्स को दूसरे देश की उड़ान भरने के लिए जरूरी होता है वीजा?
भारत से हर रोज फ्लाइट्स अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने भरती हैं. वहीं विदेशों से भी कई इंटरनेशनल फ्लाइट्स भारत आती हैं. इन फ्लाइट्स को उड़ाने के लिए कई पायट्स को भी उस देश का सफर करना होता है. ऐसे में पाटलट्स और एयरहोस्टेस के लिए एक खास वीजा होता है. जी हां, अब आप सोच रहे होंगे कि फिर तो उन्हें अलग से किसी वीजा की जरूरत नहीं पड़ती होगी. तो बता दें ऐसा नहीं है, कुछ देशों में तो पायलट्स और एयरहोस्टेस बिना वीजा के सफर कर सकते हैं वहीं कुछ देशों के लिए उन्हें इस स्पेशल वीजा की जरूरत पड़ती है साथ ही पासपोर्ट की भी. हालांकि उनके पासपोर्ट पर अलग से स्टांप नहीं लगता.
वीजा में क्या होता है?
पायलट और एयरहोस्टेस के वीजा के लिए अलग-अलग देशों में अलग नियम हैं. जिसका पायलट औ क्रू मेंबर्स को पालन करना होता है. जैसे क्रू मेंबर और पायलट की राष्ट्रीयता क्या है, पायलट और क्रू मेंबर्स को फ्लाइट ट्रांजिसन के दौरान कितने दिन वहां रहना होगा और एयरलाइन कौन सी और कहां की है.
ज्यादातर देश इंटरनेशनल एयरलाइंस के पायलट और केबिन क्रू मेंबर्स के लिए जनरल डिक्लरेशन यानी सामान्य घोषणापत्र मांगते हैं. जिसमें फ्लाइट से संबंधित सारी जानकारी जैसे फ्लाइट में कितने क्रू मेंबर्स मौजूद रहेंगे और उनके आने और जाने का समय कितना होगा ये देखा जाता है. जिसकी कॉपी फ्लाइट में सफर करने वाले हर क्रू मेंबर को रखनी होती है. जिस देश में जीडी चलती है वहां वीजा की जरुरत नहीं पड़ती. वहीं जिस देश में जीडी नहीं चलती वहां फ्लाइट के पायलट्स और क्रू मेंबर्स को वीजा की जरुरत पड़ती है.