ट्रेन (Train) और प्लेन (Plane) में रोजाना लाखों करोड़ों लोग दुनियाभर में सफर करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी खुद से ये सवाल किया है कि आखिर इसे स्टार्ट कैसे किया जाता है? क्या जैसे कार को स्टार्ट करने के लिए चाबी की जरूरत होती है, वैसे ही प्लेन और ट्रेन को भी स्टार्ट करने के लिए चाबी चाहिए. चलिए जानते हैं कि ट्रेन और प्लेन कैसे स्टार्ट होते हैं और इनका पूरा प्रोसेस क्या होता है.
क्या ट्रेन में चाबी लगती है
ट्रेन के पास दो इंजन होते हैं एक इलेक्ट्रिक और दूसरा डीजल इंजन. दोनों को ही स्टार्ट करने का अलग अलग तरीका है. डीजल इंजन की बात करें तो इसे स्टार्ट करने के लिए एक अलग तरह की चाबी लगती है. यह एक हैंडल की तरह होता है. दरअसल, जब डीजल इंजन को स्टार्ट करना होता है तब उसे रिवर्स करते समय एक तरह का हैंडल लगा देते हैं, जिसे आप ट्रेन की चाबी भी कह सकते हैं.
इसी की मदद से ट्रेन को गति भी दी जाती है. वहीं इलेक्ट्रिक इंजन को शुरू करने के लिए एक अलग तरह की प्रक्रिया होती है. इसे शुरू करने के लिए सबसे पहले पैंटोग्राफ को हवा के प्रेशर से पूरी तरह से भर देते हैं, इसके बाद कनेक्ट वायर को ऊपर की तरफ उठाकर सर्किट ब्रेकर को ऑन कर दिया जाता है. लेकिन सबसे खास बात की इस पूरी प्रक्रिया को एक खास चाबी के जरिए किया जाता है, जिसे रेलवे की भाषा में जेड पीटी या पैंटो की कहा जाता है. हालांकि, अब जो नए इलेक्ट्रिक इंजन आए हैं, उन्हें स्टार्ट करने के लिए चाबी की जरूरत नहीं पड़ती वो एक स्विच से ऑन ऑफ होते हैं.
प्लेन को कैसे स्टार्ट करते हैं?
प्लेन ट्रेन और कार से बिल्कुल अलग है, वो जमीन पर नहीं चलती बल्कि हवा में उड़ती है. इसलिए उसे स्टार्ट करने का तरीका भी थोड़ा अलग है. दरअसल, प्लेन को स्टार्ट करने के लिए कोई खास तरह की चाबी नहीं होती है, लेकिन इसे ढेर सारे स्विच और एक लीवर की मदद से शुरू किया जाता है. प्लेन को स्टार्ट करने के लिए सबसे पहले पायलट कुछ स्विच्स को ऑन करते हैं, जिसके बाद प्लेन के डैशबोर्ड पर लगी सभी लाइटें और इंडिकेटर्स जलने लगते हैं. इसके बाद प्लेन को आगे की ओर बढ़ाने के लिए लिवर को पुश किया जाता है, प्लेन को टेकऑफ करने के लिए भी इसी लिवर का इस्तेमाल किया जाता है.
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