Indian Navy Sagar Parikrama: इंडियन नेवी की दो महिला अधिकारी सागर परिक्रमा पर निकली हैं.ये दोनों आठ महीनों में 21600 नॉटिकल माइल्स का सफर करेंगी. नेवी की तरफ से दूसरी बार इस मिशन को शुरू किया गया है. साल 2017 में भारतीय नेवी की छह महिला अधिकारियों ने इसके पहले मिशन को सफल बनाया था.
इस सागर परिक्रमा को नेवी चीफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने झंडा दिखाकर रवाना किया.इस मिशन के लिए जिस नेवी के शिप का इस्तेमाल किया जा रहा है उसका नाम आईएनएसवी तारिणी है. यह शिप 17 मीटर लम्बी और 5 मीटर चौड़ी है.इसी शिप के जरिये ये दो महिला अधिकारी समुद्र के रास्ते से दुनिया को नापेंगी.
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8 महीनों में पूरा करना होगा मिशन
इस पूरे मिशन को 8 महीने के भीतर पूरा करना होगा, जिसमें शिप को समुद्र में हवा के सहारे से ही चलाकर कुल 21600 नॉटिकल माइल्स का सफर खत्म करना होगा.इस पूरे मिशन में इन दो अधिकारियों का सामना हाई सी, एक्सट्रीम वेदर कंडीशन से सामना होगा.
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क्या सागर परिक्रमा के लिए भी लेना पड़ता है वीजा
इसके लिए वीजा की जरूरत नहीं होती है, कुछ रिपोर्ट के अनुसार इसके लिए Diplomatic Clearance की जरूरत होती है. नेवी का यह मिशन जिस देश की सीमा में प्रवेश करेगा उस देश की सरकार से भारत सरकार या संबंधित मंत्रालय द्वारा इस मिशन की सूचना उनको दी जाएगी. यह प्रक्रिया सीधे संबंधित देशों की सरकारों के बीच होती है.इसमें व्यक्तिगत वीजा की जगह राजनयिक प्रक्रिया शामिल होती है.
जहां से शुरू वहीं खत्म होगा सफर
जहां से इस मिशन की शुरूवात हुई है, इसको उसी पोर्ट पर खत्म करना होगा.इसके लिए यह भी नियम है कि मिशन किसी कनाल या स्ट्रैट से नहीं गुजरेगी, इसके अलावा पूरे मिशन को कम से कम इक्वेक्टर को दो बार क्रॉस करना होगा. इसमें तीन केप्स शामिल हैं जो कि अमेरिका होर्न केप, ऑस्ट्रेलिया की ल्यूवेन केप और साउथ अफ्रीका की गुड होप्स केप हैं. इस मिशन के लिए इनको काफी कठिन ट्रेनिंग दी गई है.