कोर्ट में क्या सच में गीता पर हाथ रखकर कसम खाते हैं गवाह? जानिए
फिल्मों में जब कोर्ट रूम का सीन शूट होता है तो उसमें दिखाया जाता है कि गवाह गीता पर हाथ रखकर कसम खाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोर्ट रूम में असल में क्या होता है.
कोर्ट रूम के बार में सोचने पर अधिकांश लोगों के मन में एक दृश्य आता है, जज साहब को जवाब देने से पहले गीता पर हाथ रखकर कसम खानी होगी. फिल्मों से लेकर वेब सीरिज में कोर्ट रूम का जो दृश्य होता है, उसमें ये सीन जरूर दिखाया जाता है. लेकिन सवाल ये है कि क्या सच में कोर्ट रूम बयान देने से पहले गीता पर हाथ रखना होता है. आज हम आपको इसके पीछे की सही तथ्य बताएंगे.
फिल्मों के कोर्ट रूम
फिल्मों के कोर्ट रूम में आप देखते हैं कि जो व्यक्ति बयान देने के लिए कटघरे में खड़ा होता है, उसको गीता पर हाथ रखकर कहना होता है कि मैं कसम खाता हूं, जो कहूंगा सच कहूंगा, सच के सिवा और कुछ नहीं कहूंगा. लेकिन क्या आपके मन में भी ये सवाल आता है कि क्या सच में कोर्ट में गीता या कोई धार्मिक या संविधान की किताब होती है, जिस पर हाथ रखकर कसम खानी होती है. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
कोर्ट में क्या होता है सीन?
वकालत से जुड़े एक एक्सपर्ट ने बताया है कि कोर्ट रूम में ऐसा कोई दृश्य नहीं होता है. हां, इतना जरूर है कि कुछ न्यायाधीश अपने कोर्ट रूम में गवाहों से यह बुलवाते है कि, “जो भी कहेंगे सच कहेंगे, सच के सिवा कुछ नहीं कहेंगे”, लेकिन गीता पर हाथ नहीं रखवाया जाता है. असल में कोर्ट रूम में सीधे तौर पर गवाह के आते ही बयान शुरू हो जाते हैं.
कोर्ट रूम में क्या होती है प्रक्रिया?
एक अन्य एक्सपर्ट ने कहा कि हो सकता है कि पुराने जमाने में रहे जजों द्वारा गीता पर हाथ रखकर कसम दिलाई जाती होगी, लेकिन वर्तमान में ऐसी कोई प्रकिया नहीं है. आज के वक्त गवाही के दौरान कोर्ट की जो प्रक्रिया होती है, उसमें सामान्य रूप से गवाह का नाम पुकारा जाता है. जिसके बाद वह अंदर आता है. जिसके बाद जज द्वारा सवाल पूछने पर उत्तर देता है। फिर जज के कहने पर वो व्यक्ति कोर्ट रूम से बाहर चला जाता है.
फिल्मों में खाते हैं कसम
बता दें कि फिल्मों में आज भी जब कोर्ट रूम का सीन शूट किया जाता है, तो गवाह गीता पर हाथ रखकर कहता है कि मैं कसम खाता हूं, जो कहूंगा सच कहूंगा, सच के सिवा और कुछ नहीं कहूंगा. आज के वक्त भी फिल्मों और वेब सीरिज में जब कोर्ट रूम का सीन शूट होता है, तो वही पैटर्न फॉलो किया जाता है. यानी गवाह गीता पर हाथ रखकर कसम खाता है कि जो कहेगा सच कहेगा.
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