इंसान जब भी कोई नई चीज खरीदता है, तो उससे हमेशा चिपका ही रहता है. ऐसा ही कुछ कार के साथ भी होता है. जाहिर सी बात है जब आप लाखों रुपये लगा कर कार खरीदते हैं तो आपकी कोशिश रहती है कि उसे ज्यादा से ज्यादा समय दिया जा सके. कई बार तो लोग अपनी खड़ी नई कार में बैठ जाते हैं और घंटों गाने सुनते रहते हैं. लेकिन क्या ये आपकी सेहत के लिए सही है. बिल्कुल भी नहीं. ऐसा करना आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है. यहां तक की आप कैंसर के भी शिकार हो सकते हैं.


क्या इससे सच में कैंसर होता है?


चीन और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने इस पर एक रिसर्च किया और पाया कि 12 दिनों के लिए बाहर खड़ी एक नई कार में केमिकल का लेवल सेफ लिमिट से इतना ज्यादा हो जाता है कि उससे कैंसर पैदा हो सकता है. यह एक विशेष प्रकार का केमिकल होता है, जिसे फॉर्मलडिहाइड कहते हैं. इसके साथ ही नई खड़ी कार में Acetaldehyde की मात्रा भी 61 फीसदी तक बढ़ जाती है, जो आपकी सेहत के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है.


कैसे हुआ था रिसर्च


चीन और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने इस रिसर्च के लिए एक मीडियम साइज की SUV प्लास्टिक, नकली लेदर और फेल्ट के साथ तैयार किया. इसके बाद कार को घर के बाहर खड़ा कर दिया गया. फिर देखा गया कि जैसे-जैसे कार का तापमान बढ़ने लगा, वैसे-वैसे इसमें केमिकल की मात्रा भी बढ़ने लगी. आपको बता दें, एक नई गाड़ी में मल्टीपल वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड निकलते हैं, जो कैंसर के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं.


वहीं एक दूसरी स्टडी में पता चला कि एक ड्राइवर रोजाना कार में 11 घंटे बिताता है, जबकि एक पैसेंजर दिन में करीब 1.5 घंटे कार में बिताता है. कार में बिताए गए इस समय के दौरान ही ये नुकसानदायक केमिकल सांस के जरिए आपके लंग्स तक पहुंचते हैं और यात्रियों और ड्राइवरों में इंक्रीमेंटल लाइफटाइम कैंसर के जोखिम को बढ़ा देते हैं.


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