आज यानी 17 जुलाई के दिन हर साल नेशनल लॉटरी डे मनाया जाता है. आसान भाषा में लॉटरी किस्मत का खेल है, जिसका खेल दुनियाभर में फैला हुआ है. भारत समेत दुनियाभर के अधिकांश देशों में लॉटरी गेम का खूब प्रचलन है. इतना ही नहीं इस खेल के जरिए कई लोग करोड़ों और अरबों कमा भी चुके हैं. आज हम आपको बताएंगे कि भारत में लॉटरी किंग कौन हैं, लॉटरी जीतने पर कितनी रकम मिलती है.
लॉटरी का खेल
लॉटरी यानी किस्मत का खेल है. इस खेल में किस्मत जिसका साथ देती है, उसी की जीत होती है. दुनियाभर में लोग लॉटरी की टिकट खरीदकर अपना किस्मत आजमाते हैं. हालांकि बहुत सारी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें एक झटके में इंसान करोड़ों और अरबों लॉटरी के जरिए कमाया है. लेकिन ये हर किसी के साथ होगा ये जरूरी नहीं है. इसीलिए इसे लॉटरी कहते हैं.
लॉटरी किंग
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीते 14 मार्च 2024 के दिन चुनावी चंदे की जानकारी को सार्वजनिक कर दिया गया है. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद डेटा के मुताबिक 1368 करोड़ रुपये साथ फ्यूचर गेमिंग इस लिस्ट में सबसे ऊपर है. फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए सबसे अधिक 1368 करोड़ रुपये का चंदा दिया है. अब सवाल है कि सैंटियागो मार्टिन कौन है, जिनकी कंपनी ने 1368 करोड़ रुपये का दिया दान है.
सैंटियागो मार्टिन को भारत में लॉटरी किंग के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि सैंटियागो का लॉटरी के क्षेत्र में बड़ा नेटवर्क है. इनकी फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज ने 12 अप्रैल 2019 और 24 जनवरी 2024 के बीच 1368 करोड़ रुपये का दान दिया था. बता दें कि फ्यूचर गेमिंग कोयंबटूर स्थित एक कंपनी है. इसकी स्थापना साल 1991 में हुई थी और इससे पहले मार्टिन लॉटरी एजेंसीस लिमिटेड के नाम से इसे जाना जाता था. इसका स्वामित्व सैंटियागो मार्टिन के पास है, जिन्हें भारत के लॉटरी किंग के रूप में भी जाना जाता है. फर्म की वेबसाइट के मुताबिक मार्टिन ने 13 साल की उम्र में ही लॉटरी व्यवसाय में अपनी किस्मत आजमाई थी. यही कारण है कि इन्हें लॉटरी किंग कहा जाता है.
लॉटरी जीतने पर कितना मिलता?
बता दें कि भारत में लॉटरी जीतने वाले को पूरा पैसा नहीं मिलता है. बता दें कि लॉटरी या गेम शो में जीती गई धन राशि पर फ्लैट 30 फीसदी टैक्स लगता है. क्योंकि यह स्पेशल इनकम होती है, इसलिए इसमे कोई भी बेसिक छूट भी नहीं दी जाती है. वहीं अगर लॉटरी में 10 लाख से ऊपर की राशि कोई जीतता है, तो उसे सरचार्ज भी देना होता है. यानी अगर आप 1 करोड़ रूपए लॉटरी या गेम शो में जीतते हैं, तो इसमे से सीधा-साधा तीस लाख तो इनकम टैक्स में चला जाएगा. इसके बाद 10 फीसद एक्सट्रा सरचार्ज भी देना पड़ेगा. इतना ही नहीं एजुकेशन CESS और हायर एजुकेशन CESS जैसे टैक्स भी भरने होंगे. नियमों के मुताबिक ये सभी टैक्स काटने की जिम्मेदारी भी उस ऑर्गनाइजेशन की है, जिससे आपने इनाम राशि जीती है.
भारत में लॉटरी
जानकारी के मुताबिक भारत में लॉटरी कई सालों से खेला जा रहा है. लेकिन आधिकारिक रूप से केरल राज्य सरकार ने 1967 से लॉटरी की शुरू की थी. हालांकि भारत में लीगल लॉटरी और लॉटरी के कानून राज्य के मुताबिक अलग-अलग हैं. भारत के 13 राज्यों में लॉटरी खेलने की परमिशन है, जिनमें केरल, असम, अरुणाचल प्रदेश गोवा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, सिक्किम, और पश्चिम बंगाल शामिल है. वहीं कई राज्यों में लॉटरी पर बैन लगा दिया था, जिनमें कर्नाटक और तमिलनाडु भी शामिल हैं. लॉटरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में फैसला सुनाया था, जिसके मुताबिक लॉटरी को लेकर राज्य सरकारें फैसला लेंगी.
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