आज के वक्त अच्छा जीवन जीने के लिए जेब में पैसा होना सबसे जरूरी है. किसी भी इंसान की बेसिक जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान होता है. लेकिन सभी बेसिक चीजों को पाने के लिए पैसा होना सबसे जरूरी है. दुनियाभर के सभी देशों में करेंसी का रूप अलग-अलग है. जैसे भारत में रूपये चलता है, तो वहीं अमेरिका में डॉलर चलता है. ऐसी ही अलग-अलग देशों में करेंसी अलग है. लेकिन सब में एक कॉमन बात है कि कुछ भी खरीदने के लिए करेंसी को कमाना जरूरी होता है. आज हम आपको भारतीय करेंसी में सिक्कों के बारे में बताएंगे.


सिक्का


जीवन की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसों का होना सबसे जरूरी होता है. पैसों के बिना जीवन की बेसिक जरूरतों को पूरा करना मुश्किल है. भारतीय करेंसी में रूपया चलता है. वहीं रूपये में भी भारत में सिक्का और नोट का चलन है. कुछ छोटे रूपये के सिक्के बाजार में आसानी से मिल जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिक्का कैसे बनता है और सिक्का कहां पर बनता है और इसकी पहचान कैसे की जाती है.   


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सिक्का पहचानना 


बता दें कि सभी भारतीय सिक्के टकसाल में बनते हैं. दरअसल टकसाल वह सरकारी कारखाना है, जहां सरकार के आदेश पर और बाजार की मांग को देखते हुए सिक्कों को ढाला यानी बनाया जाता है. वहीं पूरे भारत में कुल 4 टकसाल हैं, जो नोएडा, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता में स्थित हैं. हर एक टकसाल में बनने वाले सिक्कों की अपनी अगल पहचान होती है. आप इस सिक्कों पर बने एक खास निशान को देखकर आसानी से बता सकते हैं कि वह सिक्का भारत के किस टकसाल में बना है.


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किस शहर में बना कौन सा सिक्का


बता दें कि हर सिक्कें पर लिखे ईयर के नीचे एक खास तरह का निशान बना होता है, जिसे देखकर आप उस सिक्के के बनने वाले शहर का पता लगा सकते हैं. दरअसल जिस सिक्के पर Dot का निशान बना होता है, वह सिक्का नोएडा के टकसाल में बना होता है. इसी तरह से जिस सिक्के के नीचे Diamond का शेप बना होता है, वह सिक्का मुंबई के टकसाल में बना होता है. इसी प्रकार आपको जिन सिक्कों पर Star का शेप बना दिखे, तो आप समझ जाना कि वह सिक्का हैदराबाद के टकसाल में बना है. अब आपको जिन सिक्कों पर कोई निशान या शेप बना न दिखे, तो आपको समझ जाना चाहिए कि उस सिक्के को कोलकाता के टकसाल में बनाया गया है.


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