घर से लेकर ऑफिस या कार ड्राइव करते समय अगर मक्खी दिखती है, तो इंसान को उससे चिढ़चिढ़ाहट होने लगती है. मक्खियों को देखकर किसी को भी अच्छा नहीं लगता है. यही वजह है कि उनकी भिनभिनाहट और गंदकी वजह से हर कोई चिढ़ता है. सबसे ज्यादा गुस्सा तब आता है, जब मक्खी कहीं से उड़कर आकर खाने में बैठ जाती है और खाना दूषित कर देती है. आज हम आपको बताएंगे कि मक्खी अपने शरीर के किस अंग से खाना दूषित करती है. 


मक्खी कैसे करती हैं खाना दूषित


मक्खियों से इंसान को सबसे अधिक चिढ़ होता है. मक्खियों के पास आने से ही इंसान को कई तरह की दिक्कत होने लगती है, वहीं खाने पर बैठने से और चिढ़ होती है. चिढ़ होने के बावजूद भी आपने गौर किया होगा कि मक्खियां जब भी कहीं बैठती हैं, तब ये लगातार अपनी पैरों को रगड़ती रहती हैं. दरअसल मक्खी के शरीर में बहुत बारीक रोएं होते हैं और जीभ पर भी एक चिपचिपे पदार्थ की परत लगी होती है. मक्खी खुद को साफ करने के लिए पैरों को आपस में रगड़ती है. इस तरह से ये अपने रोओं पर चिपका मैल हमारे भोजन पर छोड़ देती है. इस मैल में जर्म्स होते हैं, जो हमें बीमार करते हैं.


ये भी पढ़ें: क्या आपको भी पढ़ने के समय आती है नींद? जानिए इसके पीछे का साइंस


मक्खी का साइज


 अब सवाल ये है कि क्या आप जानते है कि मक्खी का वैज्ञानिक नाम क्या है और इसका साइज क्या है. बता दें कि घरेलू मक्खी का वैज्ञानिक नाम मस्का डोमेस्टिका है. वहीं मक्खियों की लाइफ कुछ ही हफ्तों की होती है. जीवन कम होने के कारण कुछ ही हफ्तों में इनकी तीन से चार जनरेशन पर रिसर्च हो जाती है. जानकारी के मुताबिक इनकी लंबाई करीब 7 मिमी होती है. ये जानकर आपको बेहद हैरानी होगी कि मक्खियां कभी भी मुंह से काट नहीं सकती हैं.


ये भी पढ़ें: एक आईपीएस अधिकारी अपने से बड़े अधिकारियों के सामने क्यों नहीं पहनते हैं कैंप, जानिए इसकी वजह


मक्खी का भोजन


मक्खियों के दांत नहीं होने के कारण इनका भोजन करने का तरीका भी काफी अलग होता है. मक्खी का मुंह एक स्पंज की तरह काम करता है, जो भोजन को सोख लेता है. वहीं स्ट्रॉ जैसी जीभ होने के कारण ये तरल पदार्थों का भोजन करती हैं. ये दूसरे कीड़ों के भी तरल भाग को ही चूसती हैं. इसकी लार में सबसे ज्यादा कीटाणु पाए जाते हैं. जब मक्खी भोजन पर बैठती हैं, तो इन जर्म्स को भोजन पर छोड़कर उसे दूषित कर देती है.


 ये भी पढ़ें: तपती गर्मी में भी बिना एसी के ठंडा रहता है राजस्थान का ये स्कूल, खास तकनीक से किया गया है तैयार