अब तक आपने ऐसे गावों के बारे में खूब सुना होगा, जहां आईएएस और आईपीएस हर घर में पाए जाते हैं. लेकिन क्या कभी आपने ऐसे गांव के बारे में सुना है जहां हर घर में डॉक्टर्स पाए जाते हैं. दरअसल, इस गांव के लोग मानते हैं कि डॉक्टर इस धरती पर मौजूद भगवान की ही रूप होते हैं. वैसे देखा जाए तो बात कुछ हद तक ठीक भी है, आज के समय में जिस तरह से लोग तरह तरह की बीमारियों की वजह से मर रहे हैं, अगर उन्हें कोई बचा सकता है तो वो डॉक्टर्स ही हैं. चलिए इस आर्टिकल में हम आपको इस खास गांव के बारे में बताते हैं.


कहां है ये गांव?


हम जिस गांव की बात कर रहे हैं वो है महाराष्ट्र के ठाणे जिले में. यहां के घरिवली गांव में लगभग तीस परिवार रहते हैं, इनमें से ज्यादातर परिवार में से कोई ना कोई डॉक्टर है. सबसे बड़ी बात कि भविष्य में भी इन परिवारों से बच्चे डॉक्टर बनते रहें, गांव वाले इसका पूरा ध्यान रखते हैं. यहां के बच्चों को शुरू से ही डॉक्टर बनने के लिए मोटिवेट किया जाता है. उन्हें हमेशा सिखाया जाता है कि किसी कि जान बचाने से बड़ा काम इस दुनिया में दूसरा कुछ नहीं है. सबसे बड़ी बात कि यहां के सभी परिवार सामान्य आर्थिक स्थिति वाले हैं, इसके बाद भी इनके बच्चे हर साल डॉक्टर बनने की ओर बढ़ रहे हैं.


कहां से शुरू हुई ये कहानी?


इस गांव में डॉक्टर्स बनने की कहानी शुरू हुई साल 2000 से. पहली बार इस गांव संजय पाटिल नाम के एक शख्स को एमबीबीएस की डिग्री मिली. इसके बाद जब वो डॉक्टर बने तो ना सिर्फ उनके परिवार कि आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ, बल्कि समाज में उनका और उनके पूरे परिवार का सम्मान भी बढ़ा. इसी के बाद से गांव के हर बच्चे में डॉक्टर बनेन का सपना पनपने लगा. परिवार वालों का साथ मिलने की वजह से बच्चे भी डॉक्टर बनने के लिए जी तोड़ मेहनत करने लगे. यही वजह है कि आज इस गांव के हर घर में आपको एक डॉक्टर मिल जाएगा.


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