इंसानों की तरह ही बहुत सारे जानवर दांत के माध्यम से खाना खाते हैं. जंगल का राजा शेर भी अपने दांतों के जरिए ही शिकार करता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शेर अपने दांत सड़ने के कारण मर भी सकता है. जी हां शेर का अगर दांत सड़ता है, तो वो उसकी मौत का कारण भी बन सकता है. जानिए आखिर इसके पीछे क्या कारण है.
जानवरों का दांत
जंगल का शेर, चीता, बाघ, मगरमच्छ समेत अन्य सभी जानवर अपने दांतों के जरिए ही शिकार करते हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या इंसानों की तरह इनके दांत भी खराब होते हैं या इनके दांतों में सड़न आती है. क्योंकि ये भी मांसहारी होते है. बता दें कि जानवरों का दांत कम खराब होता है, लेकिन अगर शेर जैसे जानवर का दांत खराब होता है, तो उससे उसकी मौत भी हो सकती है.
बता दें कि बाघों और अन्य बड़ी बिल्लियों की तरह बिल्ली के परिवार के सदस्यों के पास बहुत उच्च पीएच मान के साथ लार है. यह लार ही उनके तामचीनी इनेमल, दांतो की ऊपरी चमकीली परत को सुरक्षित रखता है. इस प्रकार गुहाओं (कैविटीज) को रोकता है. हालांकि कई बार शेर समेत बाघ का दांत सड़ता भी है, जिससे उनकी मृत्यु तक हो जाती है.
जानवरों में दांत की समस्या
रिसर्च के मुताबिक जंगली जानवरों के लिए दाँत की समस्या जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर हो सकती है. क्योंकि शेर जैसा एक अच्छा शिकारी जानवर शिकार को मार गिराने के लिए अच्छे दांतों पर निर्भर रहता है. वहीं मांसाहारी बड़ी बिल्लियों की प्रजाति दांत काटने और चीरने के लिए उपयुक्त होते हैं. शोध के मुताबिक किसी दुर्घटना में, सड़न या मसूड़ों की बीमारी के कारण बड़ी बिल्लियों के दाँत गिरना संभव है.
यही कारण है कि चिड़ियाघरों में शेर जंगल की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहते हैं. जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती है, जंगली आहार की तुलना में नरम आहार खाने से उनमें दंत समस्याओं का खतरा अधिक होता है. लेकिन चिड़ियाघर में पशु चिकित्सक मौजूद होते हैं, जो समय-समय पर जानवरों की देख-भाल करते हैं. कई बार जरूरत पड़ने पर पशु चिकित्सक जानवरों का दांत भी निकालते हैं. लेकिन जंगलों में ऐसा संभव नहीं है, जिस कारण शेर जैसे जानवर में संक्रमण फैलता है और उनकी मृत्यु हो जाती है.