भीषण गर्मी और तेज धूप से बचने के लिए हर कोई अलग-अलग उपाय कर रहा है. आपने भी सफर के दौरान कई बसों के शीशों पर कलर लगा देखा होगा. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर बस के शीशों पर कलर क्यों किया जाता है. आखिर इसके पीछे का कारण क्या है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर बसों के शीशों में क्यों रंग लगाया जाता है. 


सूर्य किरण


गर्मी के दिनों में अधिकांश लोग सूरज की रोशनी से परेशान रहते हैं. गाड़ियों के शीशों पर सीधे सूरज की किरण पड़ती है, जिससे गर्मी और तेज लगती है. लेकिन अगर आप घरों या बसों के शीशों पर पेंट लगाते हैं, इससे सूरज की रोशनी का प्रभाव कम हो जाता है. जिससे उस जगह पर बैठे इंसान को गर्मी कम लगती है. 


क्या होते हैं टिंटेड ग्लास?


आपने बहुत सारे कारों में देखा होगा कि सूरज की रोशनी को कम करने के लिए टिंटेड ग्लास लगे होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये टिंटेड ग्लास क्या होता है. कार के अंदर सूरज की रोशनी को रोकने के लिए अधिकतर लोग अपनी कार में टिंटेड ग्लास का इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए फीचर्स के तौर पर सनफिल्म को कारों की खिड़कियों पर लगााया जाता है. दरअसल ये काले या भूरे रंग से रंगा हुआ रहता है, जिसे ग्लास पर लगाने से बाहर से आने वाली किसी भी तरह की रोशनी को कम हो जाती है.वहीं बाहर से देखने पर इन ग्लास के अंदर कुछ नहीं दिखाई देता है.


टिंटेड ग्लास के फायदे?


बता दें कि गर्मी के दिनों में सीधी धूप से बचने के लिए कुछ लोग कार की खिड़कियों पर टिंटेड ग्लास का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा ये ग्लास आपके कार के इंटीरियर को सूरज की रोशनी से खराब होने से बचाता है. इसके कारण कार के अंदर का भी कुछ दिखाई नहीं देता है. 


शीशे पर कलर


बसों के शीशों पर रंग लगाने के बाद सूर्य की रोशनी कम हो जाती है. इससे बस में शीशे के पास बैठा शख्स सीधी धूप से बच जाता है. अगर बसों के शीशों पर कलर नहीं होंगे तो सूर्य की रोशनी सीधे लगेगी और इससे गर्मी का एहसास ज्यादा होगा. शीशों पर रंग लगाने का कारण सूर्य की रोशनी के प्रभाव को कम करना होता है. सूर्य की रोशनी को कम करने के लिए खासकर हरे, नीले और लाल रंग का इस्तेमाल किया जाता है. 


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