किसी भी आदत को छोड़ने की बात हो या फिर कोई नई आदत बनाने की, हमें अक्सर सुनने में आता है कि इसमें महज 21 दिन का समय लगता है. ये बात 1960 में प्लास्टिक सर्जन मैक्सवेल माल्टज ने कही थी. जो अब हर व्यक्ति बोलता नजर आता है.
दरअसल मैक्सवेल के मुताबिक जब भी वो कोई सर्जरी करते थे तो उनके मरीज में बदलाव आने में 21 दिन का समय लगता था. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या वाकई में हमें किसी भी आदत को अपनाने में 21 दिन का समय लगता है? चलिए आज जान लेते हैं.
किसी आदत को बनने में लगता है कितना समय?
पिछले साल यानी 2023 में शिकागो यूनिवर्सिटी और पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस 21 दिन वाले कॉन्सेप्ट को चुनौती दी थी. इसके लिए उन्होंने 30,000 से ज्यादा जिम जाने वाले और 3,000 से ज्यादा अस्पताल का काम करने वाले कर्मचारियों का डेटा शामिल किया था. ये एनालिसिस मशीन लर्निंग टूल का उपयोग करके किया गया था.
इस रिसर्च में पाया गया था कि कुछ आदतें बनने में दूसरों की तुलना में ज्यादा समय लेती हैं. उदाहरण के तौर पर वर्कआउट की आदत बनने में औसतन छह महीने से ज्यादा समय लग सकता है. वर्कआउट करने की आदत कभी-कभी इंसान को महीनों बाद भी नहीं लगती, वहीं रिसर्च में पाया गया कि अस्पताल में काम करने वाले लोगों को हाथ धोने की आदत लगने में महज एक सप्ताह का वक्त लगता है. दरअसल स्टडी की मानें तो ये आदतों पर निर्भर करता है कि उसे लगने में कितना समय लग रहा है.
आदतों को समझना जरूरी
किसी भी आदत को आपकी नियमित दिनचर्या में शामिल होने में कितना समय लग रहा है वो व्यक्ति और उस आदत पर निर्भर करता है. कई बार सरल आदतें ही बनने में काफी समय ले लेती हैं तो वहीं कई आदतें आसानी से लग जाती हैं. साल 2009 में हुई एक स्टडी में पाया गया था कि लोगों को ऐसी आदत लगने में 18 से 254 दिनों का समय लग गया जो उनके दैनिक जीवन से जुड़ी थीं, जिसमें नाश्ता करने जैसी चीजें शामिल थीं.
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