क्या साही अपने कांटे शूट कर सकती है? जानिए क्यों इसपर हमला करते ही जानवर मर जाते हैं
साही सिर्फ अपने कांटो की वजह से ही खतरनाक होती है. खतरा महसूस होने पर यह कांटों को फैलाकर दुश्मन पर मुंह फेरकर वार करती है. ऐसा कहा जाता है कि साही अपने कांटे शूट कर सकती है. लेकिन सच्चाई क्या है...?
Porcupine: दुनिया में अनोखी क्षमताओं वाले बहुत सारे जीव जन्तु हैं. काई अपने नुकीले दांतो और तेज रफ्तार के कारण अच्छा शिकारी होता है तो कोई इतना जहरीला कि उसका जहर शरीर में जाने के कुछ ही मिनटो में शिकार दम तोड़ देता है. लेकिन आज हम आपको जिस जानबर के बारे में बताने जा रहे हैे, उसके पास ऐसी अनोखी क्षमता है, जो अन्य किसी जानवर के पास नही. दरअसल, हम बात कर रहे हैं Porcupine की, जिसे हिन्दी में साही या सेह भी कहा जाता है. इसके शरीर पर बहुत सारे कांटे होते हैं, जो इसे खतरनाक बना देते हैं. ऐसा कहा जाता है कि साही अपने कांटे शूट कर सकती है. आइये जानते हैं इस बात में कितनी सच्चाई है.
क्या साही कांटो को शूट करती है?
साही सिर्फ अपने कांटो की वजह से ही खतरनाक होती है. खतरा महसूस होने पर यह अपने कांटों को फैलाकर दुश्मन पर मुंह फेरकर वार करती है. जिससे इसके कांटे दुश्मन के शरीर में धंस जाते हैं. यह सिर्फ एक मिथ है कि साही अपने कांटे शूट कर सकती है, जबकि हकीकत यह है कि कांटे तब तक किसी को नही लगते हैं जब तक कोई इनसे टच नही होता है. साही की शारीरिक संरचना के मुताबिक इसके कांटो पर हल्का सा भी दाब पड़ने पर ये शरीर से अलग हो जाते हैं और दूसरे जानवर के शरीर में धंस जाते हैं.
कांटे लगने पर जानवर मर कैसे जाते हैं?
दरअसल, हार्वड के डॉ. जेफ्री कार्प और एमआईटी के राबर्ट लैंगर ने साही के कांटो का अच्छे से निरीक्षण किया. उन्होने पाया कि कांटे आगे से नुकीले होते हैं और इनपर माइक्रोस्कोपिक लेवल पर और कांटे होते हैं. ये अतिसूक्ष्म कांटे, कांटा धंसने की विपरीत दिशा में होते हैं. ऐसे में जब किसी जानवर को साही का कांटा लगता है तो वह धीरे धीरे अन्दर की ओर घुसता चला जाता है. इसको निकालना काफी दर्दनाक होता है. हम इंसान तो इसके कांटों को जैस तैसे निकाल लेते हैं, लेकिन बाकी जानवरों के लिए इसे निकालना मुश्किल होता है. ऐसे में ये कांटे धीरे धीरे अंदर धंसते चले जाते हैं और कुछ दिनों बाद उस जानवर की मौत हो जाती है.
यह बिल्कुल वैसा ही है जब बचपन में गेहूं की बाली को बच्चे एक दूसरे की पैंट में नीचे से डालकर पैंट को नीचे से पकड़कर हिला देते थे, तो बाली पैंट में ऊपर चढ़ जाती थी. साही के कांटे लगने के कारण अबतक बहुत सारे शेरों की जान जा चुकी है.