माना जाता है कि किसी इंसान की लंबाई पैदा होने के बाद से 18 से 20 वर्ष की आयु तक ही बढ़ती है. इसके बाद उसके शरीर की लंबाई जितनी रहती है, उतनी ही रह जाती है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर इंसानों के शरीर की लंबाई में 20 वर्ष के बाद कोई बदलवा नहीं होता तो फिर बूढ़े होने पर वह लंबाई में छोटे क्यों लगने लगते हैं. चलिए आपको आज इस आर्टिकल में इससे जुड़े सवालों के जवाब देते हैं.


कब घटने लगती है शरीर की लंबाई


लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, इंसान की उम्र जब 40 से 50 के बीच में होती है तब शरीर हड्डियों का निर्माण करना बंद कर देता है. इसके अलावा इस उम्र में हड्डियों की डेंसिटी भी कम होने लगती है. धीरे-धीरे जब हड्डियों की लंबाई और चौड़ाई कम होने लगती है तो इंसानों का शरीर झुकने लगता है.


साल 1999 में अमेरिका के जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि 30 से 70 साल की उम्र के बीच आदमियों की 1.2 इंच और महिलाओं की लगभग 2 इंच लंबाई कम हो जाती है. इस रिसर्च को करने के लिए 2084 लोगों पर अध्ययन किया गया था.


रीढ़ की हड्डी भी एक कारण हो सकता है


इंसान की रीढ़ की हड्डी 24 हड्डियों और उनके बीच स्थित इंटरवर्टिब्रल डिस्क्स से बनी होती है. ये डिस्क्स किसी गद्दी की तरह काम करती हैं, जिनका काम झटकों को ऑब्जर्व करना होता है. जब आप युवा अवस्था में होते हैं तो ये डिस्क्स तरल पदार्थ से भरी रहती हैं और लचीली होती हैं.


ये इंसान की लंबाई को बनाए रखने में मदद करती हैं. लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, इन डिस्क्स में तरल पदार्थ की मात्रा कम लगती है. इसकी वजह से रीढ़ की हड्डी की लंबाई कम होने लगती है. हालांकि, यह प्रक्रिया बेहद धीमी गति से होती है, लेकिन लगातार चलती रहती है और उम्र के साथ-साथ इसका असर इंसान की लंबाई में भी दिखने लगता है.


बोन डेंसिटी वाले एंगल से समझिए


रीढ़ की हड्डी के अलावा बोन डेंसिटी का कम होना भी बढ़ती उम्र में शरीर की लंबाई के कम होने की वजह बन जाता है. दरअसल, बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है. खासकर महिलाओं में मेनोपॉज के बाद यह प्रक्रिया और तेज हो जाती है, जब एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर घटने लग जाता है. हड्डियों के घनत्व में कमी आने से उनकी संरचना कमजोर होने लगती है, जिससे वे सिकुड़ जाती हैं और इससे लंबाई में गिरावट देखी जाती है.


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