इस कॉलेज में इतने महीनों तक ट्रेनिंग से गुजरते हैं सेना में भर्ती होने वाले डॉग्स, जानिए आखिर कैसे किया जाता है तैयार
भारतीय सेना में कुत्ते भी देश की रक्षा में खास भूमिका अदा करते हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर उन्हें किस तरह की ट्रेनिंग दी जाती है और कितने महीनों तक उन्हें ट्रेन किया जाता है.
भारतीय सेना में कुत्ते एक अहम भूमिका निभाते हैं. वो न केवल सैनिकों के वफादार साथी होते हैं बल्कि कई तरह के कामों में भी उनकी मदद करते हैं. जैसे कि बम निरोधक दस्ते, खोज और बचाव कार्य, गश्ती और दुश्मनों का पता लगाना आदि. इन कुत्तों को खास प्रशिक्षण दिया जाता है खासतौर पर सेना में भर्ती होने वाले डॉग्स को मेरठ के रिमाउंट और वेटनरी कोर सेंटर एंड कॉलेज में ट्रेनिंग दी जाती है.
यहां दी जाती है सेना में भर्ती होने वाले डॉग्स को ट्रेनिंग
भारतीय सेना में भर्ती होने वाले कुत्तों की ट्रेनिंग मुख्स रूप से मेरठ का रिमाउंट और वेटनरी कोर सेंटर एंड कॉलेज में होती है. 1960 में शुरू हुए इस ट्रेनिंग सेंटर में कई महीनों तक ट्रेनिंग दी जाती है. आमतौर पर सेना में भर्ती होने वाले डॉग्स को 10 महीने की ट्रेनिंग लेना जरुरी होता है. यह संस्थान भारतीय सेना के कुत्तों को प्रशिक्षित करने के लिए देश का सबसे बड़ा और सबसे पुराना केंद्र है. यहां अलग-अलग नस्लों के कुत्तों को सेना में भर्ती होने के लिए तैयार किया जाता है. इन कुत्तों को कई महीनों तक कठोर प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकें.
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कैसे की जाती है सेना में कुत्तों की भर्ती?
भारतीय सेना में मुख्य रूप से जर्मन शेफर्ड, लेब्राडोर रिट्रीवर और डोगो अर्जेंटीनो नस्ल के कुत्तों को सिलेक्ट किया जाता है. इन नस्लों को उनकी बुद्धिमत्ता, शक्ति और वफादारी के लिए जाना जाता है. सेना में भर्ती करने से पहले कुत्तों का शारीरिक परीक्षण किया जाता है जिसमें उनकी उम्र, स्वास्थ्य, शक्ति और फुर्ती का भांपा जाता है. इस दौरान कुत्तों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण भी किया जाता है जिसमें उनकी बुद्धिमत्ता, सीखने की क्षमता और व्यवहार का आकलन किया जाता है.
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कैसे होती है कुत्तों की ट्रेनिंग?
कुत्तों को सबसे पहले बेसिक प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें उन्हें आज्ञापालन, चलना, बैठना, लेटना जैसी चीजें सिखाई जाताी हैं. इसके बाद कुत्तों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है जैसे कि बम निरोधक, खोज और बचाव, गश्ती. साथ ही कुत्तों को शारीरिक रूप से मजबूत बनाने के लिए उन्हें दौड़ना, कूदना और अलग-अलग तरह की प्रेक्टिस करवाई जाती है. इसके बाद कुत्तों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए उन्हें अलग-अलग प्रकार की स्थितियों में रखा जाता है ताकि वे तनाव और दबाव का सामना कर सकें.
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