Rain: वैसे तो बारिश की बूंदें अपने साथ सुकून लेकर आती हैं. कभी कभी ये अपने साथ बाढ़ जैसी आपदा को भी लेकर आती हैं. लेकिन, आज हम आपको बारिश के साथ आने वाली जिस आपदा के बारे में बताएंगे, उसे जानकर आपके होश उड़ जायेंगे. दुनिया के कुछ हिस्सों में छाए काले बादलों को अशुभ माना जा रहा है. आमतौर पर काले बादल अपने साथ तूफान लेकर आते हैं. लेकिन, यहां इन्हे अशुभ मानने का कारण यह नहीं है. इन्हे अशुभ इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि हाल ही में एक शोध में यह दावा किया गया है कि ये बादल ऐसे बैक्टीरिया को दूर तक ले जा सकते हैं जिनपर दवाओं का कोई असर नहीं होता है.
दुनियाभर में फैल सकते हैं ये बैक्टीरिया
Science of the total environment जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, शोधकर्ताओं ने बादलों के नमूनों से मिले बैक्टीरिया से एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी जीन का पता लगाया है. फ्रांस और कनाडा के शोधकर्ताओं की एक टीम ने इन बादलों को अशुभ माना है. शोध के मुख्य लेखक फ्लोरेंट रॉसी ने बताया कि आमतौर पर ये बैक्टीरिया पत्तियों या मिट्टी की सतह पर पाया जाता है. फ्लोरेंट ने बताया कि हवा से ये बैक्टीरिया वायुमंडल में पहुंच जाते हैं और बादलों के जरिए दुनिया में कहीं भी जा सकते हैं.
सैंपल में मिले बैक्टीरिया
सितंबर 2019 और अक्टूबर 2021 के बीच, मध्य फ्रांस के पुए डे डोम समिट, जोकि एक सोया हुआ ज्वालामुखी है. उसके ऊपर समुद्र तल से करीब 4 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित एक एट्मॉस्फियरिक रिसर्च स्टेशन से सैंपल लिए गए थे. इनकी जांच के बाद शोधकर्ताओं को पता चला कि क्लाउड वाटर के हर मिलीलीटर में 330 से लेकर 30,000 से भी ज्यादा बैक्टीरिया थे. यानी पानी के औसतन हर मिली में करीब 8,000 बैक्टीरिया मौजूद हैं.
खुद को विकसित कर लेते हैं बैक्टीरिया
दरअसल, जब बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं के संपर्क में आते हैं तो पीढ़ी दर पीढ़ी ये उनके प्रति अपनी प्रतिरोधक क्षमता को और विकसित कर लेते हैं. इससे दवा प्रतिरोध बढ़ रहा है. स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक यह दुनिया भर में चिंता का विषय है. इस अडॉप्शन के कारण कुछ जीवाणु संक्रमणों का इलाज करना कठिन और यहां तक कि तो कुछ मामलों में असंभव भी हो रहा है. क्योंकि इलाज और कृषि में एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल बढ़ रहा है. जिस वजह से इनमें दवा प्रतिरोध भी बढ़ रहा है.
बारिश में भीगने से डरना चाहिए
रॉसी ने समझाया कि बैक्टीरिया के लिए वातावरण बहुत तनावपूर्ण है और जो बैक्टीरिया मिले हैं, उनमें से ज्यादातर पर्यावरणीय बैक्टीरिया थे. ये इंसानों के लिए हानिकारक हो सकते हैं, इसलिए उन्होंने कहा है कि लोगों को बारिश में भीगने से डरना नहीं चाहिए.
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