ज्योतिषी की भविष्यवाणी सुन कांप उठा था यह मुस्लिम जनरल, खुद ही करा दिया था अपनी 63 बेगमों का कत्ल
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के हेनरी कजिन्स ने अपनी किताब 'बीजापुर: द ओल्ड कैपिटल ऑफ द आदिल शाही किंग्स' में इस घटना पर विस्तार से लिखा है.
इतिहास में एक दौर था, जब ज्योतिषियों और नजूमियों की भविष्यवाणियों पर राजा का हर अगला कदम तय होता था. भारत, यूरोप समेत पूरी दुनिया में ऐसे कई राजा और सेनापति थे जो इन पर विश्वास करते थे. इन्हीं में से एक था बादशाह आदिल शाह द्वितीय का सेनापति अफ़ज़ल खान. अफजल खान के बारे में कहा जाता है कि इसकी हत्या शिवाजी के हाथों हुई थी. चलिए आज आपको इसी से जुड़ी एक घटना बताते हैं, जिसमें उसने अपनी 63 पत्नियों की हत्या कर दी थी.
क्या है पूरी घटना?
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के हेनरी कजिन्स अपनी किताब 'बीजापुर: द ओल्ड कैपिटल ऑफ द आदिल शाही किंग्स' में इस घटना पर विस्तार से लिखा है. इनके मुताबिक, साल 1659 में बीजापुर के तत्कालीन सुल्तान अली आदिल शाह द्वितीय ने अफजल खान को जब शिवाजी से युद्ध करने भेजा तो अभियान पर जाने से पहले अफजल खान ने युद्ध के नतीजे जानने के लिए अपने ज्योतिषियों और नजूमियों से संपर्क किया.
ज्योतिषियों और नजूमियों ने अफजल खान से कहा कि वह इस युद्ध से जिंदा वापिस नहीं लौटेगा. इस भविष्यवाणी का अफजल खान पर इतना गहरा असर हुआ कि उसने अपने जिंदा रहते हुए ही अपने लिए एक कब्र तैयार करा दी. वहीं कब्र के पत्थर पर उसने अपनी मृत्यु की तारीख की जगह युद्ध के लिए प्रस्थान का वर्ष लिख दिया. इसके अलावा अपने महल के पास उसने एक दो मंजिला मस्जिद भी तैयार करवाई. इतिहासकार कहते हैं कि जहां अफजल खान ने अपनी कब्र खुदवाई उसके आसपास आज 63 महिलाओं की कब्र मौजूद है. जबकि एक कब्र खाली है.
इस तरह से की अपनी पत्नियों की हत्या
'बीजापुर: द ओल्ड कैपिटल ऑफ द आदिल शाही किंग्स' किताब में लिखा है कि अफजल खान अपनी पत्नियों की हत्या उन्हें पानी में डुबो कर करता था. इतिहासकार लक्ष्मी शरत ने 'द हिंदू' के लिए लिखे अपने एक लेख में लिखा कि अफजल खान ने अपनी सभी पत्नियों को एक-एक करके कुएं में धकेल दिया, ताकि युद्ध में मरने के बाद वे किसी और के हाथ न पड़ें. कुछ पत्नियों ने भागने की भी कोशिश की, लेकिन फिर वो पकड़ी गईं और उन्हें भी इसी तरह से डुबो कर मार दिया गया. कहा जाता है कि जो एक कब्र खाली है वो शायद ऐसी ही किसी पत्नि की है जो भागने के बाद अफजल खान को नहीं मिली.
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