दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है, जिससे घंटों लगने वाले काम सिर्फ मिनटों या सेकंड में पूरे हो जाते हैं. एआई सबसे ज्यादा नौकरी के क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है, जिससे नौकरी विस्थापन का खतरा पैदा हो रहा है, खासकर महिलाओं के लिए. मेनके ग्लोबल इंस्टीट्यूट की ओर से किए गए शोध से पता चलता है कि एआई के कारण नौकरी जाने का सबसे ज्यादा असर महिलाओं पर होगा. नौकरी करने वाली महिलाओं के लिए AI बड़ी समस्याएं लेकर आएगा.


महिलाओं की नौकरी क्यों और किस हद तक छूट सकती है:


नौकरियों में महिलाओं की जरूरत


शोध रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक श्रम बाजार में लगभग तीन-चौथाई काम मशीनों के जरिए पूरे किए जाएंगे. नतीजतन, आने वाले वर्षों में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में 1.5 गुना अधिक नई नौकरी के अवसर तलाशने होंगे. यह बदलाव विभिन्न क्षेत्रों पर एआई के प्रभाव का परिणाम होगा.


कम वेतन वाले क्षेत्रों में अधिक जोखिम


शोध इस बात पर प्रकाश डालता है कि कम वेतन वाले क्षेत्रों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अधिक है, यानी जितनी भी कम तनख्वाह वाली नौकरियां है, उनमें महिलाएं ज्यादा हैं; जैसे ग्राहक सेवा, बिक्री कार्यालयों और खाद्य सेवाओं सहित अन्य नौकरियां. यहां महिलाएं बहुत ज्यादा कार्यरत हैं, ऐसे में इन क्षेत्रों के मशीनों और एआई से प्रभावित होने की अधिक संभावना है.


80% कामकाजी महिलाएं जोखिम में


वर्तमान में, लगभग 80% कामकाजी महिलाएं एआई के कारण नौकरी छूटने वाले क्षेत्रों में शामिल हैं, यानी जिन नौकरियों पर एआई का प्रकोप सबसे ज्यादा होगा, उनमें 80 प्रतिशत महिलाएं ही काम करती हैं. कैनन-फ्लैगर बिजनेस स्कूल की ओर से किए गए अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया है कि इन कामकाजी महिलाओं को प्रभावित होने का सबसे बड़ा खतरा है.


पहले से तैयार रहने की जरूरत


जैसे-जैसे उद्योग चैटजीपीटी जैसे एआई प्लेटफॉर्म को तेजी से अपना रहे हैं, वकील, शिक्षक, वित्तीय सलाहकार और आर्किटेक्ट जैसे पेशेवरों को बदलावों के अनुरूप ढलने की जरूरत होगी. गोल्डमैन सेश की एक अलग शोध रिपोर्ट में प्रबंधन, इंजीनियरिंग और कानूनी नौकरियों सहित 15 व्यवसायों की पहचान की गई है, जो एआई द्वारा सबसे अधिक नकारात्मक रूप से प्रभावित हैं.


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