देशभर में मानूसून आने के साथ ही कई राज्यों में जमकर बारिश हो रही है. बारिश के कारण घरों के आस-पास पानी में मछली, मेंढ़क और सांप बहुत आसानी से पहुंच जाते हैं. बारिश के दिनों में ग्रामीण इलाकों में लोग कहते हैं कि बारिश के साथ ही आसमान से मछली भी जमीन पर गिरती है. अब सवाल ये है कि आखिर आसमान से मछली जमीन पर कैसे गिरती हैं. आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे.
मानसून
मानसून के मौसम में बाकी समय के तुलना में अधिक बारिश होती है. बारिश के कारण पानी वाले जानवर का प्रजनंन बढ़ जाता है. नदी, तालाब समेत अन्य जगहों पर भी खासकर मछलियों की संख्या तेजी से बढ़ती है. हालांकि कई बार ये भी दावा किया जाता है कि बारिश के दौरान आसमान से बारिश के साथ ही मछलियां भी जमीन पर गिरती है. अब सवाल ये है कि आखिर मछलियां आसमान में कैसे पहुंचती है ? ये मछलियां बारिश के समय ही क्यों जमीन पर गिरती हैं.
आसमान से गिरती हैं मछलियां
रिपोर्ट्स के अनुसार ये सच है कि आसमान से मछलियां जमीन पर गिरती हैं. लेकिन अधिकांश लोग जिसे भगवान का चमत्कार कहते हैं, दरअसल वो मौसम के कारण होता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक इस तरह की घटनाएं जल स्तंभ या बवंडर के कारण होती हैं. बता दें कि जब कोई बवंडर समुद्र के पास या समुद्र तल को पार करता है, तो ऐसी स्थिति पानी के भीषण तूफान में बदल जाती हैं. पानी की सतह पर मौजूद या समुद्र के पास मौजूद मछलियां, मेंढक, कछुए, केकड़े जैसे जानवरों को हवाएं अपने साथ खींच लेकर जाती हैं.
जिस प्रकार से बवंडर हलकी चीजों को आकाश में लेकर जाते हैं, उसी प्रकार से यह बवंडर पानी के सतह पर भी सक्रिय होते हैं. इस दौरान बवंडर अपने साथ हलके प्राणियों को ऊपर खींचकर लेकर जाते हैं. यह जीव बवंडर के साथ उड़ते रहते हैं और तब तक आसमान में होते हैं, जब तक हवा की गति कम नहीं होती है. जब हवा की गति धीमी पड़ती है, तब यह बवंडर जहां कही भी आसमान में रहते हैं वहा पर सारी चीजों को मुसलाधार बारिश के साथ गिरा देते हैं. इस दौरान मछली समेत बंवडर में फंसी सभी चीजें जमीन पर गिरती हैं.
कहां रूकता है बवंडर
बता दें कि ये जरूरी नहीं है कि समुद्र से उठा बवंडर समुद्र में ही रूकेगा. वैज्ञानिकों के मुताबिक बवंडर को उठने और थमने में समय लगता है. इस दौरान यह कई किलोमीटर की दूरी तय कर चुका होता है. आसान भाषा में ये भी कह सकते हैं कि जहां से बवंडर उठता है, वहां पर बारिश के होने की संभावना कम होती है लेकिन समुद्र के आस-पास होने की संभावना अधिक रहती है. बंवडर जहां रूकता है, उसके साथ हवा में उड़े सभी सामान और जानवर वहीं पर गिर जाते हैं.
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