पृथ्वी खुद को अपने आप भी साफ कर सकती है और खत्म हो सकता है प्रदूषण! जानिए ये कैसे संभव है?
प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित नई रिसर्च रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पृथ्वी के पास खुद को साफ करने की एक अनोखी प्रणाली है, जिसके बारे में अब तक विज्ञान अनभिग्य था.
पृथ्वी पर तेजी से प्रदूषण फैल रहा है, इंसानों द्वरा फैलाया गया ये प्रदूषण खुद इंसानों की ही जान ले रहा है. ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या पूरी पृथ्वी को फिर से साफ कर पाना इंसानों के बस में है, क्या कभी इंसान खुद के द्वारा फैलाए गए प्रदूषण से पृथ्वी को आजाद कर पाएंगे. शायद नहीं! लेकिन अगर हम कहें कि इंसान ऐसा करें चाहे ना करें, पृथ्वी अपने आप ही खुद को साफ कर सकती है तो आप क्या कहेंगे. एक नई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि पृथ्वी खुद ही अपने आप को साफ कर सकती है.
नई रिसर्च में क्या खुलासा हुआ?
प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित नई रिसर्च रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पृथ्वी के पास खुद को साफ करने की एक अनोखी प्रणाली है, जिसके बारे में अब तक विज्ञान अनभिग्य था. इस प्रणाली के तहत हवा में पैदा हुई पानी की बूंदें अपनी सतह के आसपास की हवा से मिल कर एक शक्तिशाली विद्युत क्षेतर बनाती हैं, जिसकी वजह से ओएच अणु पैदा होते हैं. वैज्ञानिक मानते हैं कि यही ओएच अणु प्रदषकों से मिलकर प्रतिक्रिया करता है और उन्गें वातावरण से हटाने का काम करता है.
जहरीली गैसों को भी खत्म कर देता है ये अणु
वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये ओएच अणु वायुमंडल में मौजूद जहरीली गैसों को भी नष्ट करने का काम करते हैं. ये सबसे पहले हवा में तैर रहे प्रदूषकों पर प्रतिक्रिया कर उन्हें तोड़ देते हैं, जैसे ही प्रदूषक टूटते हैं उनके अंदर मौजूद सल्फरडाइऑक्साइड और नाइट्रिक ऑक्साइड जैसे जहरीले गैस वायुमंडल से गायब हो जाते हैं. वैज्ञानिक अभी भी इस ओएच अणु पर रिसर्च कर रहे हैं और उनता मानना है कि इससे जुड़ी अभी और भी कई बातें सामने आएंगी. आपको बता दें, प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के शोधकर्ताओं की यह रिसर्च स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च को आधार मान कर किया था, जिसमें बताया गया था कि हाइड्रोजनपर ऑक्साइड पानी की बूंदों की सतह पर तुरंत बन सकती हैं.
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