पृथ्वी तेजी से अपने अंत की ओर बढ़ रही है. इंसानों द्वारा फैलाया जा रहा प्रदूषण उसे निगल रहा है. दुनिया भर के वैज्ञानिकों को अब चिंता होने लगी है कि अगर ऐसा ही चलता रहा पृथ्वी का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा. दरअसल, नए शोध के मुताबिक, पृथ्वी ने अपनी सुरक्षा की सात सीमाएं पार कर ली हैं. और अब इसके पास एक अंतिम सुरक्षा सीमा है जिसे जलवायु कहते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी 8 लेयर में सुरक्षित थी, जिसमें से सात लेयर खत्म हो गए हैं. अब आखिरी लेयर यानी क्लाइमेट ही इसकी रक्षा कर रहा है. लेकिन जिस तरह से पृथ्वी की जलवायु बदल और बिगड़ रही है वो दिन दूर नहीं जब ये 8वां लेयर भी समाप्ति की ओर होगा.


किस तरह टूटे लेयर


ये नया शोध दुनियाभर के 40 वैज्ञानिकों ने के एक दल ने किया और इसी दल ने बताया है कि हवा, मिट्टी, मीठा पानी, जलवायु, जैव विविधता और पानी ये सभी हमारी और पृथ्वी की सुरक्षा की सीमा हैं. रिसर्च के बाद पता चला कि इन सभी में अब जहर का लेवल काफी ज्यादा हो चुका है और इसी जहरीले होते वातावरण से धरती का पर्यावरण खतरे में पड़ गया है.  अब इसका सीधा असर इंसानों की जिंदगी पर पड़ने लगा है. इस शोध में वैज्ञानिकों को पता चला की पृथ्वी अब खतरनाक स्थिति की ओर बढ़ रही है और अगर ऐसे ही रास्ते पर धरती चलती रही तो आने वाले समय में यह अपने अंत की ओर बढ़ेगी.


तापमान को लेकर सबसे ज्यादा चिंता


वैज्ञानिकों के लिए पृथ्वी का बढ़ता तापमान सबसे ज्यादा चिंता का विषय है. साल 2015 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने कहा था कि पृथ्वी का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना है और दुनिया के 30 फीसदी भूमि, समुद्र और मीठे पानी के क्षेत्रों में जैव विविधता की रक्षा करेंगे. लेकिन अब वैज्ञानिकों का कहना है कि हम अपने तय किए गए लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएंगे. उनका कहना है कि पृथ्वी का तापमान जितनी तेजी से बढ़ रहा है, वो चिंता का विषय है.


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