Earth Gold: नासा एक मिशन पर काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य मंगल और बृहस्पति के बीच एक विशाल मेटल एस्टेरॉयड पर पहुंचने से जुड़ा है, जिसे 16 साइकी कहा जाता है. अनुमान लगाया गया है कि इसमें 10,000 क्वाड्रिलियन डॉलर मूल्य का लोहा, निकल और सोना शामिल है. नासा के अनुसार, आलू के आकार के एस्टेरॉयड का औसत व्यास लगभग 140 मील (226 किलोमीटर) है. पृथ्वी के चंद्रमा के व्यास का लगभग सोलहवां हिस्सा या लॉस एंजिल्स और सैन डिएगो के बीच की दूरी के बराबर है. एक्सपर्ट का मानना है कि अगर वहां पर मौजूद सोने की कीमत अरबों डॉलर है.
क्या है इस ग्रह की खासियत
अधिकांश एस्टेरॉयड चट्टानी या बर्फीले हैं, लेकिन चूंकि 16 साइकी को एक मृत ग्रह का खुला धातु हृदय माना जाता है, यदि इस एस्टेरॉयड को समान रूप से विभाजित किया जाए, तो पृथ्वी पर हर कोई अरबपति बन सकता है. साइके की खोज 17 मार्च 1852 को इतालवी खगोलशास्त्री एनीबेल डी गैस्पारिस ने की थी. उन्होंने एस्टेरॉयड का नाम साइके के नाम पर रखा, जो आत्मा की ग्रीक देवी थी, जो नश्वर पैदा हुई थी, और प्रेम के देवता इरोस (रोमन क्यूपिड) से शादी की थी. साइकी को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में लगभग 5 पृथ्वी वर्ष लगते हैं, लेकिन इसे अपनी धुरी पर एक बार घूमने में केवल चार घंटे से अधिक समय लगता है, जो एक साइकी दिन के बराबर होता है.
बाद में बदला गया मिशन
नासा का साइकी अंतरिक्ष यान अगस्त 2022 में लॉन्च होने और 2026 में एस्टेरॉयड पर पहुंचने के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन बाद में इस मिशन को 2023 में लॉन्च करने की योजना बनाई गई. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि यह मिशन सफल हो पाता है या नहीं.
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