हरियाणा और जम्मू कश्मीर का विधानसभा चुनाव हो चुका है और आज वोटों की गिनती की जा रही है. ऐसे में हर किसी के जेहन में ये सवाल आते हैं कि स्ट्रांग रूम का ताला कौन खोलता है? आखिर मतगणना होती कैसे है? वोटों की गिनती कौन करता है? मतगणना कक्ष के अंदर कौन-कौन जा सकता है? दोबारा वोटिंग के लिए क्या करना होता है? तो आइए हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.


अगर दोबारा ऑटो की गिनती की बात करें तो यह एक प्रक्रिया है जो चुनाव परिणाम हो पर विवाद या संदेह की स्थिति में की जाती है. अगर किसी पार्टी या उम्मीदवार को परिणाम पर संदेह है, तो वे संबंधित चुनाव आयोग में दोबारा गिनती के लिए आवेदन कर सकते हैं.


फिर चुनाव आयोग आवेदन की समीक्षा करता है.  अगर मामला वैध है, तो गिनती की प्रक्रिया शुरू की जाती है. दोबारा वोटों की गिनती के लिए सभी आवश्यक सामग्री और चुनावी दस्तावेज इकट्ठा किए जाते हैं.


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कैसे होती है दोबारा गिनती


मतदान केंद्र पर अधिकारियों की मौजूदगी में, वोटों को फिर से गिना जाता है. यह प्रक्रिया पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पत्रकारों और पर्यक्षकों की उपस्थिति में होती है.


परिणाम की घोषणा


गिनती पूरी होने के बाद, परिणामों की पुष्टि की जाती है और उचित अधिकारियों को सूचित किया जाता है. अगर फिर भी कोई आपत्ति होती है, तो उसे कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से चुनौती दी जा सकती है.


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स्ट्रांग रूम का ताला कौन खोलता है?


जिस दिन मतगणना होती है, उस दिन सुबह 7 बजे के करीब चुनाव लड़ रहे सभी दलों के उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी में स्ट्रांग रूम का ताला खोला जाता है. इस दौरान रिटर्निंग ऑफिसर और चुनाव आयोग के स्पेशल ऑब्जर्वर भी मौजूद रहते हैं और वही ताला खोलते हैं. इस दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाती है.                                                                                          


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