भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की सैलरी कितनी होती है?
Election Commissioner Salary: देशभर में होने वाले चुनावों से जुड़े हर कामकाज को चुनाव आयोग ही देखता है. चुनाव आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्त होते हैं.
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Election Commissioner Salary: भारत में हर साल कई राज्यों में चुनाव होते हैं, अगले साल यानी 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने हैं. जिसके लिए अभी से चुनाव आयोग तमाम तरह की तैयारियों में जुट गया है. इससे पहले कई बड़े राज्यों में भी चुनाव होने हैं. इन तमाम चुनावों की जिम्मेदारी चुनाव आयोग के पास ही होती है. चुनाव अधिकारियों को नियुक्त करने से लेकर वोटिंग और वोटों की गिनती कराने तक... सभी काम चुनाव आयोग कराता है. आज हम आपको बता रहे हैं कि देश के चुनाव आयुक्तों को कितनी सैलरी मिलती है?
कुल तीन चुनाव आयुक्त
चुनाव आयोग में तीन अहम लोगों को बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है, जो तमाम तरह के कामकाज को देखते हैं. इन्हें चुनाव आयुक्त कहते हैं. देश में एक मुख्य चुनाव आयुक्त होता है और उनके साथ दो अन्य चुनाव आयुक्त नियुक्त होते हैं. चुनाव से जुड़े तमाम बड़े फैसले ये तीनों ही लेते हैं.
पहले देश में एक ही चुनाव आयुक्त हुआ करता था, जिसके बाद इनकी संख्या को तीन किया गया. अनुच्छेद 324(2) में भारत के राष्ट्रपति को मुख्य निर्वाचन आयुक्त के अलावा निर्वाचन आयुक्तों की संख्या समय-समय पर बदलने की ताकत दी गई है.
कितना वेतन लेते हैं चुनाव आयुक्त
चुनाव आयोग की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक देश के मुख्य चुनाव आयुक्त और बाकी दो आयुक्तों को सुप्रीम कोर्ट के जजों के जितना ही वेतन दिया जाता है. इसके अलावा भत्ते भी वही मिलते हैं, जो किसी भी सुप्रीम कोर्ट के जज को दिए जाते हैं. सुप्रीम कोर्ट के एक जज को करीब ढ़ाई लाख रुपये सैलरी मिलती है.
मुख्य चुनाव आयुक्त और बाकी दो चुनाव आयुक्तों को 6 साल के लिए नियुक्त किया जाता है. इनका कार्यकाल बढ़ाया भी जा सकता है. हालांकि अगर इस दौरान चुनाव आयुक्त 65 साल की उम्र को पार कर जाते हैं तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना होता है.
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