Elections 2023: चुनाव आते ही नेताओं की तैयारियां भी शुरू हो जाती हैं, अलग-अलग पार्टी से टिकट दिए जाते हैं, जिसके बाद नेता प्रचार में जुट जाते हैं. इस प्रचार में नेताओं के लाखों रुपये खर्च होते हैं. कई चुनावों में तो ये खर्चा करोड़ों रुपये तक पहुंच जाता है, हालांकि चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक तय की गई सीमा से ज्यादा कोई नेता खर्च नहीं कर सकता है. फिलहाल देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. इसी बीच ये जानते हैं कि आखिर एक विधायक अपने चुनाव प्रचार में कितना खर्च कर सकता है?


पांच राज्यों में चुनाव
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत देश के पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं. जिनके नतीजे 3 दिसंबर को सामने आएंगे. पांचों राज्यों में सैकड़ों प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं और अपना भाग्य आजमा रहे हैं. चुनाव प्रचार, कार्यकर्ताओं के खाने-पीने का खर्चा और बाकी चीजों पर नेता लाखों रुपये खर्च कर लेते हैं. 


क्या हैं आयोग के नियम?
चुनाव आयोग की तरफ से चुनावी खर्चे की एक सीमा तय की जाती है. अब विधानसभा चुनाव में कोई भी विधायक 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. इसके अलावा पैसा खर्च करने पर उसके खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है. चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक इन 40 लाख में से कैश में सिर्फ 10 हजार रुपये खर्च किए जा सकते हैं. बाकी का ट्रांजेक्शन ऑनलाइन तरीके से होगा. 


इसके अलावा चुनाव आयोग ने सभी प्रत्याशियों को चुनावी खर्चे के लिए एक बैंक अकाउंट खोलने का भी निर्देश दिया है, इसी अकाउंट से चुनाव संबंधी तमाम खर्चे होंगे. जिससे चुनाव आयोग इसकी निगरानी कर पाएगा. इतना ही नहीं प्रत्याशी को चुनाव आयोग की तरफ से दिए गए एक रजिस्टर में खर्चे से जुड़ी हर जानकारी लिखनी होगी, जिसमें तमाम तरह की रसीदें भी होनी जरूरी हैं. 


इससे पहले चुनाव आयोग ने विधायकों के लिए खर्चे की सीमा 28 लाख की गई थी, जिसे बढ़ाकर अब 40 लाख किया गया है. हालांकि छोटे राज्यों के लिए ये सीमा 28 लाख है, जो पहले 20 लाख रुपये तक थी. पिछले साल यानी 2022 में चुनाव आयोग ने ये सीमा बढ़ाई थी. 


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