भारत समेत इन देशों में होते हैं EVM से चुनाव, कुछ देशों ने लगा दिया बैन
राजधानी दिल्ली में 5 फरवरी को ईवीएम के जरिए मतदान होना है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ईवीएम यानी इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन किन-किन देशों में बैन है. जानिए इसके पीछे की क्या वजह है.
राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव में अब महज 26 दिन ही बचे हैं. चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां कर ली हैं. वहीं चुनाव आयोग भी ईवीएम यानी इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन को मतदान केंद्र पहुंचाने के लिए तैयार कर रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में वोटिंग ईवीएम से होती है. लेकिन कई ऐसे देश हैं, जिन्होंने ईवीएम पर रोक लगा दी है. आज हम आपको बताएंगे कि किन देशों ने ईवीएम पर रोक लगाई है.
ईवीएम क्या है?
सबसे पहले जानते हैं कि ईवीएम क्या होता है? बता दें कि ईवीएम यानी इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन है. ईवीएम मशीन में दो यूनिट्स होते हैं, जिसमें कंट्रोल और बैलेट होती है. इसमें बैलेट यूनिट पर मतदाता बटन दबा कर आप अपना वोट देता है और दूसरी यूनिट में वोट स्टोर किया जाता है. बता दें कि कंट्रोल यूनिट मतदान अधिकारी के पास होती है, जबकि बैलेट यूनिट को दूसरी तरफ रखा जाता है, जहां से लोग वोट डाल पाते हैं.
भारत में ईवीएम पर चुनाव
भारत में ईवीएम यानी इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के जरिए ही लोकसभा और विधानसभा के चुनाव कराए जाते हैं. हालांकि कई बार विपक्षी दल बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग करते हैं, लेकिन सरकार का मानना है कि ईवीएम के जरिए देश में पारदर्शी तरीके से चुनाव कराया जाता है.
किन देशों में ईवीएम पर रोक
कई देशों ने ईवीएम से चुनाव कराने पर रोक लगा दी है. इसमें भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश का नाम भी है. बांग्लादेश ने हाल ही में अपने यहां चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. वहीं एशियाई देश जापान ने भी ईवीएम की विश्वसनीयता को संदेहजनक मानते हुए उसे चुनाव में बैन कर दिया है. इसके अलावा जर्मनी, नीदरलैंड और आयरलैंड देशों ने भी ईवीएम यानी इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के जरिए चुनाव पर रोक लगा दी है. वहीं 2018 में नगरपालिका चुनावों के बाद जापान ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का उपयोग बंद कर दिया है.
इन देशों में बैलेट बॉक्स पर चुनाव
बता दें कि पड़ोसी देश बांग्लादेश ने 2018 आम चुनाव के बाद ईवीएम का उपयोग बंद कर दिया. बांग्लादेश ने 2023 के नावों से पारंपरिक मतपेटियों का उपयोग करना शुरू कर दिया था.
जर्मनी को ईवीएम पर भरोसा नहीं
जर्मनी के 2009 में एक जर्मन अदालत ने फैसला सुनाया था कि ईवीएम असंवैधानिक हैं. इसलिए जर्मनी ने मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता और सार्वजनिक जांच पर चिंताओं के कारण उन्हें बंद कर दिया था. जर्मनी में निष्कर्ष निकाला गया है कि ईवीएम सार्वजनिक जांच के लिए संवैधानिक आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता हैं.
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