Elephants Name: जैसे ही हाथी अफ्रीकी सवाना(African savannah) में घूमते हैं, वे अपने व्यक्तिगत 'नाम' पुकारकर अपने दोस्तों से संपर्क करते हैं. यह बात हम नहीं कर रहे हैं बल्कि एक रिसर्च में दावा किया गया है. रिसर्चर्स को इस बात के प्रमाण मिले हैं कि केन्या में जंगली सवाना हाथी एक-दूसरे को खास स्वर ध्वनियों के साथ पुकारते करते हैं, जिसका उपयोग वे संवाद करने के लिए भी करते हैं. हालांकि इसे अभी तक दुनिया के द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है. अगर इसे मान लिया जाता है तो दुनिया में हाथी पहली ऐसी जानवर बन जाएगी जो अपने साथी को नाम के साथ पुकारती हो. अभी तक यह सिर्फ मनुष्य द्वारा किया जाता रहा है.


बन सकता है रिकॉर्ड


बॉटलनोज़ डॉल्फ़िन भी कुछ व्यक्तियों को उनकी अनोखी सिग्नेचर सीटियों की नकल करके बुला सकती हैं, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि यह हम इंसानों की तुलना में थोड़ा अलग है. हमारे नाम आम तौर पर हमारे द्वारा की जाने वाली अनोखी आवाज़ों की नकल पर आधारित नहीं होते हैं (जैसे पिकाचु), बल्कि आम तौर पर सांस्कृतिक प्रथाओं और मूल्यों में दबे किसी अधिक अमूर्त और कम मूर्त चीज़ के प्रतिबिंब होते हैं.


यह मानव नामकरण की मनमानी प्रकृति है जो अब हाथियों पर भी लागू होती दिख रही है. हाथियों को उनकी तेज, तुरही जैसी आवाज़ के लिए जाना जाता है, लेकिन उनके संचार का अधिकांश हिस्सा वास्तव में मनुष्यों द्वारा नहीं सुना जा सकता है. इसके बजाय, ये बड़े स्तनधारी ज्यादातर कम आवृत्ति वाली गड़गड़ाहट पैदा करते हैं, जो छह किलोमीटर दूर तक अन्य हाथियों के पैरों तक संदेश पहुंचा सकते हैं.


क्या कहती है रिसर्च?


वैज्ञानिकों का मानना है कि हाथी अपने दिन का अधिकांश समय भोजन की तलाश में बिताते हैं, और उस प्रयास में झुंड का एक-दूसरे से नज़रें चुराना कोई असामान्य बात नहीं है. एक दूसरे को नाम से पुकारना झुंड पर नज़र रखने का एक उपयोगी तरीका होगा. साइंस अलर्ट वेबसाइट पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, उस संभावना का पता लगाने के लिए पार्डो(रिसर्चर हैं) और उनके सहयोगियों ने केन्या में दो अलग-अलग स्थानों पर जंगल में हाथियों की गड़गड़ाहट को रिकॉर्ड करने में घंटों बिताए. जिसमें टीम को कुछ ऐसे साक्ष्य में मिले जो उनके आपस में बातचीत करने के संकेत दे रहे थे. 


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