Earthquake: अक्सर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भूकंप आते रहते हैं. कई बार भूकंप के झटके इतने तेज होते हैं जिनकी वजह से भारी तबाही हो जाती है. पिछले कुछ दशकों में भूकंप की तीव्रता भी बढ़ी है. भूकंप की जानकारी के लिए वैज्ञानिक तमाम तकनीकों का उपयोग करते हैं. धरती की सतह पर भूकंप आने के बाद इंसानों को इसका अहसास होता है. लेकिन क्या आपको पता है कि इंसानों से पहले ही हाथियों को भूकंप की जानकारी हो जाती है. आखिर ऐसा कैसे होता होता है? अपने इस आर्टिकल के जरिए हम आपको यह दिलचस्प जानकारी देंगे.
बदल जाता है हाथियों का व्यवहार
आपको यह जानकर हैरत होगी कि भूकंप आने से पहले हाथियों के व्यवहार में बदलाव हो जाता है. उन्हें पहले ही भूकंप का आभास हो जाता है, जिसके बाद वे अपने साथियों को भी सतर्क कर देते हैं.
हाथियों को जल्दी भूकंप का आभास होने का कारण
भूकंप में मुख्यत: तीन तरंगें होती हैं, जिन्हें प्राइमरी (P), सेकेंडरी (S) और लव (L) वेब कहते हैं. इन तीनों में प्राइमरी और सेकेंडरी तरंगें जहां धरती के अंदरूनी हिस्से में चलती हैं वहीं सतह पर L तरंगें पहुंचती हैं, जिसकी गति तो P और S तरंगों की तुलना में कम होती है.
लेकिन यह भारी विध्वंस करती हैं. इंसान को जहां L तरंगों का ही अहसास होता है वहीं हाथी धरती के अंदरूनी हिस्से से आ रही P तरंग को भी महसूस कर लेता है. इसके बाद वह चिंघाड़ते हुए अपने साथियों को सचेत कर देता है.
भूकंप से होती है भारी तबाही, सुनामी का भी है कारण
पिछले कुछ दशकों में बहुत ही विध्वंसकारी भूकंप आए हैं. 2001 में गुजरात के भुज में आए भूकंप की तबाही का दर्द आज भी कसक देता है. साल 2004 आई सुनामी का मुख्य कारण भी भूकंप ही था जिसने हिंद महासागर, प्रशांत महासागर के तट पर मौजूद देशों में भारी तबाही मचाई थी. भारत और नेपाल में आए भूकंप ने बड़े पैमाने पर मानवीय और आर्थिक क्षति की थी.
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