Brain Chip: क्या है ये दिमाग में चिप लगाने वाला Neuralink Project? क्या इंसान बन जायेंगे रोबोट?
Brain Chip: न्यूरालिंक ने एक बंदर पर प्रयोग किया और देखा कि ब्रेन चिप लगने के बाद उसने जल्द ही वीडियो गेम भी खेलना शुरू कर दिया था. मस्क का कहना है कि इससे मेडिकल सेक्टर में भी बहुत फायदा होगा.
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Neuralink Brain Chip: मशहूर बिजनेसमैन एलन मस्क के न्यूरालिंक प्रोजेक्ट (Neuralink Project) को लेकर दुनियाभर में चर्चा हो रही है. न्यूरालिंक की ब्रेन चिप (Brain Chip) के ह्यूमन ट्रायल से पहले ही इसपर विवादों के बादल मंडराने लगे. एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक एक दिमाग में लगाया जा सकने वाला चिप बना रही है. इस चिप के लगने के बाद इंसान के दिमाग को कंट्रोल किया जा सकता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रेन चेप की टेस्टिंग पहले जानवरों पर की जा रही है. कहा जा रहा है कि मस्क ने जल्दी से जल्दी टेस्टिंग करने को कहा है. इसी वजह से हजारों जानवरों की जान भी जा चुकी है. आइए समझते हैं कि आखिर क्या है ये चिप और कैसे काम करेगी? क्यों हो रहे हैं इसको लेकर विवाद?
क्या है मस्क का दावा
हाल ही में एलन मस्क ने कहा था कि जल्द ही स्टारलिंक ब्रेन चिप इंटरफेस का ह्यूमन ट्रायल भी शुरू किया जाएगा. मस्क का दावा है कि ये ब्रेन चिप इंसानों में होने वाली टिनिटस समेत कई बीमारियों के इलाज में कारगर होंगी. पिछले साल ही 2021 में न्यूरालिंक ने एक बंदर पर प्रयोग किया और देखा कि जिस बंदर को ब्रेन चिप लगाई गई थी, उसने जल्द ही वीडियो गेम भी खेलना शुरू कर दिया था. मस्क का कहना है कि इससे मेडिकल सेक्टर में भी बहुत फायदा होगा और मरीजों का इलाज भी आसान हो जायेगा. एलन मस्क यह भी दावा करते हैं इस चिप की मदद से आने वाले समय में आपके सोचने भर से ही आप मोबाइल या कंप्यूटर जैसी चीजें इस्तेमाल कर सकेंगे.
क्या है Neuralink Brain Chip?
दुनिया के बहुत सारे वैज्ञानिक लंबे समय से दिमाग को कंट्रोल करने वाली चिप बनाने की कोशिश में हैं. इनका लक्ष्य किसी ऐसी टेक्नोलॉजी या चिप को विकसित करना है जो इंसानों के दिमाग में फिट हो सके. मशहूर कारोबारी एलन मस्क का न्यूरालिंक ब्रेन चिप प्रोजेक्ट भी इसी का हिस्सा है. इस प्रोजेक्ट की मदद से ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित करने की कोशिश की जा रही है जिसकी मदद से आप अपने दिमाग में सोचकर ही बहुत सारे काम कर सकें साथ ही ब्रेन चिप की मदद से इंसानों की भावनाओं पर भी काबू पाया जा सके.
हो रहा है विरोध
दरअसल, ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस एक प्रकार की चिप होती है. जब इस चिप को दिमाग के साथ लगाया जाता है तो दिमाग और कंप्यूटर आपस में सिंक हो जाते हैं और दिमाग के न्यूरॉन और कंप्यूटर चिप एक-दूसरे का हिस्सा बन जाते हैं. कंपनियां इस चिप की मदद से इंसानों के दिमाग के साथ खेलने के सपने देख रही हैं. फिलहाल कंपनियां ब्रेन चिप के फायदे गिनवा रही हैं, लेकिन इससे होने वाले खतरों के बारे में भी खूब चर्चा हो रही है. मस्क का तो कहना यह भी है कि इस चिप की मदद से नेत्रहीन व्यक्ति भी देख सकेंगे और लकवाग्रस्त इंसान भी डिजिटल डिवाइसों का इस्तेमाल कर पाएंगे.
जानवरों को क्यों मार रही न्यूरालिंक?
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, न्यूरालिंक कंपनी के कई कर्मचारियों ने बताया कि जानवरों पर इस ब्रेन चिप की टेस्टिंग जल्दबाजी में की जा रही है. रिपोर्ट के अनुसार, 2018 के बाद से जानवरों पर किए जा रहे टेस्ट में गड़बड़ी की वजह से अभी तक 280 से ज़्यादा भेड़, सूअर और सैकड़ों बंदरों समेत करीब 1,500 जानवर अपनी जान से हाथ धो चुके हैं. कंपनी के कर्मचारियों ने यह भी दावा किया है कि मस्क जल्दी से जल्दी टेस्टिंग करने का दबाद डाल रहे हैं. जिसकी वजह से जानवरों की जान जा रही है.
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